लविवि में अब 45 प्रतिशत पर मिलेगी सेकेंड डिविजन
बदले नियम : अभी तक 48 प्रतिशत पर मिलती थी सेकेंड डिविजन, परीक्षा सुधार समिति ने बदले नियम, ग्रेस के सात अंक भी अब जरूरत के अनुसार बांटकर मिलेंगे
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। लखनऊ विश्वविद्यालय में अब स्नातक व परास्नातक में पढ़ रहे विद्यार्थियों को 45 प्रतिशत अंक लाने पर ही सेकेंड डिविजन दी जाएगी। अभी तक 48 प्रतिशत अंक मिलने पर ही उन्हें सेकेंड डिविजन में पास माना जाता था। शुक्रवार को कुलपति प्रो. एसपी सिंह की अध्यक्षता में हुई परीक्षा सुधार समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बीए, बीएससी व बीकॉम में सेमेस्टर प्रणाली लागू होने के बाद परीक्षा के नियमों पर बड़े बदलाव किए गए हैं। नियमों में एकरूपता लाने पर जोर दिया गया। लविवि में स्नातक व परास्नातक में अब ग्रेस के सात अंक भी बांटकर दिए जाएंगे। अभी तक सिर्फ एक पेपर में ही ग्रेस के सात अंक मिलते थे लेकिन अब इसे जरूरत के अनुसार दो पेपरों में बांटकर दिया जाएगा। बीए, बीएससी व बीकॉम में सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद अब 80 अंक की थ्योरी होगी और 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के होंगे। वहीं बीए, बीएससी, बीकाम, एमए, एमएससी व एमकाम कोर्सेज में पास होने के लिए 36 प्रतिशत अंक जरूरी होंगे। जबकि प्रत्येक विषय में न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक पाना जरूरी होगा। वहीं बीए ऑनर्स में प्रत्येक पेपर में 36 प्रतिशत व ओवरआल 40 प्रतिशत अंक होने पर ही विद्यार्थी पास माना जाएगा। इसी तरह बीबीए, बीसीए, बीएफए, एमबीए, एमसीए, एमएफए व एलएलबी जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज में प्रत्येक पेपर में 40 प्रतिशत अंक पाने पर और ओवर ऑल 50 प्रतिशत अंक मिलने पर ही विद्यार्थी पास माना जाएगा। दो सेमेस्टर में फेल होने वाले विद्यार्थी को तीसरे सेमेस्टर में दाखिला नहीं दिया जाएगा।