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श्रावस्ती में हो रहे बाल विवाह को SDM ने रुकवाया, द्वारपूजा से सीधे वर पक्ष पहुंचा थाने

श्रावस्ती के इकौना थानाक्षेत्र के ग्राम पंचायत कल्यानपुर के माजरा भगवानपुर का मामला है। द्वारपूजा पर एसडीएम ने मौके पर पहुंच शादी रुकवाई।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 02:50 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 04:33 PM (IST)
श्रावस्ती में हो रहे बाल विवाह को SDM ने रुकवाया, द्वारपूजा से सीधे वर पक्ष पहुंचा थाने
श्रावस्ती में हो रहे बाल विवाह को SDM ने रुकवाया, द्वारपूजा से सीधे वर पक्ष पहुंचा थाने

श्रावस्ती, जेएनएन। नाबालिग बेटे के विवाह के लिए धूमधाम से बरात लेकर निकले लोगों को चंद घंटों में ही हवालात का सफर करना पड़ा। विवाह स्थल पर द्वार पूजा के लिए आतिशबाजी चल रही थी। बैंडबाजा पर थिरकते हुए लोग खुशी से झूम रहे थे। इसी दौरान प्रशासनिक व पुलिस टीम पहुंच गई। वर पक्ष से पिता, चाचा समेत लगभग आधा दर्जन लोगों को पुलिस इकौना थाने में ले आई। रात करीब 11 बजे से सुबह छह बजे तक कुल सात घंटे इन्हें पुलिस हिरासत में बिताने पड़े। 

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यह है पूरा मामला 

मामला जिले के इकौना थानाक्षेत्र के ग्राम पंचायत कल्यानपुर के माजरा भगवानपुर का है। यहां शनिवार को नाबालिग बेटी का विवाह होना था। गिलौला थानाक्षेत्र के शाहपुर कठौतिया से बरात पहुंची। द्वारपूजा शुरू हुआ। इसी दौरान गिलौला थाने में शांति समिति की बैठक कर रहे एसडीएम राजेश मिश्र को बाल विवाह की सूचना मिली। वे गिलौला थाने की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। अचानक बड़ी संख्या में पुलिस व एसडीएम को देख आयोजन स्थल पर अफरा-तफरी मच गई।

एसडीएम के निर्देश पर पुलिस ने वर पक्ष के लोगों को हिरासत में ले लिया। रविवार सुबह उन्हें छोड़ दिया गया। इकौना थानाध्यक्ष मनोज पांडेय ने बताया कि नाबालिग वर व कन्या को जिला प्रोबेशन विभाग को सौंपा गया। एसडीएम राजेश मिश्र ने बताया कि बाल विवाह रोकवा कर मामले के संबंध में अभिलेख एकत्र किए जा रहे हैं। नियमानुसार विधिक कार्रवाई होगी।

टीम के पहुंचते ही मची भगदड़ 

बाल विवाह रुकवाने के लिए टीम के पहुंचने पर कुछ देर तो लोग मामले को समझ नहीं पाए। कार्रवाई के बारे में जानकारी होते ही बाइक व चारपहिया वाहन लेकर लोग भागने लगे। विधिक कार्रवाई का हिस्सा न बनाया जाए, इसके लिए हर कोई आयोजन स्थल से दूर जाने की कोशिश करता रहा।  

दोनों पक्ष के लोगों पर दर्ज होगा मुकदमा 

प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी चमन सिंह ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि आयोजन में शामिल वर व कन्या पक्ष के सभी लोगों पर मुकदमा दर्ज होगा। ऐसे मामलों में नाबालिक होने से वर व कन्या अपराधी नहीं माने जाते हैं। इसके अलावा बराती, घराती, टेंट, लाइट, कैटरिंग, माली, कहांर समेत आयोजन का हिस्सा बने सभी लोगों पर मुकदमा चलेगा। कल्यानपुर गांव के मामले की जांच थानाध्यक्ष मनोज पांडेय को दी गई है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।

क्‍या है कानून ?

बाल विवाह पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा कई कड़े कानून बनाये गए। इन कानूनों में कड़ी सजा का भी प्रावधान किया गया। उन्ही में से एक बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 है। इस अधिनियम के अंतर्गत विवाह की एक निर्धारित उम्र तय की गयी। जिसमे लड़के की उम्र 21 से कम और लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम है तो ऐसा विवाह को प्रतिबंधित करता है। विवाह करने और कराने वालों को दण्डित किया जाएगा। यह दंड कारावास या जुर्माने या दोनों से हो सकता है। 


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