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लखनऊ में स्कूल प्रबंधक की दिनदहाड़े हत्या, बेटी ने हत्यारे को दबोचा

राजधानी लखनऊ में आज दिनदहाड़े दो बाइक सवारों बदमाशों ने अवध पब्लिक स्कूल के प्रबंधक मिर्जा तकी रजा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। तकी रजा की बहादुर बेटी शीना ने नौकर मुन्ने संग मिलकर हत्यारोपी को दबोच लिया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2015 05:29 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2015 07:08 PM (IST)

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में आज दिनदहाड़े दो बाइक सवारों बदमाशों ने अवध पब्लिक स्कूल के प्रबंधक मिर्जा तकी रजा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। तकी रजा की बहादुर बेटी शीना ने नौकर मुन्ने संग मिलकर हत्यारोपी को दबोच लिया।

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तकी रजा केंद्रीय हज कमेटी के सदस्य थे। तकी रजा आज सुबह अपनी बेटी शीना को कार चलाने का प्रशिक्षण देकर घर लौट रहे थे। उनके घर के ठीक सामने हमलावरों ने वारदात को अंजाम दिया। इस घटना के पीछे संपत्ति का विवाद माना जा रहा है। मारने वाले के पहचान हो गई है। उधर गंभीर रूप से घायल मन्ने का ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। संघर्ष के दौरान मुन्ने के गर्दन पर भी गोली लगी है, जिसका ट्रॉमा सेंटर में इलाज रहा है। पुलिस आरोपी लईक अब्बास को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है।

नाजिम साहब के इमामबाड़े में प्रथम तल पर रहने वाले तकी रजा स्कूल चलाने के साथ ही अधिवक्ता भी थे। तकी रजा के साले नवाब के मुताबिक आज तड़के उनके बहनोई बेटी शीना को कार चलाने का प्रशिक्षण देने के लिए निकले थे। सुबह करीब छह बजकर 35 मिनट पर वह शीना साथ वापस लौटे। तकी रजा चालक सीट पर बैठे थे और शीना आगे बगल की सीट पर बैठी थी। आरोप है कि इसी बीच बजाजा का रहने वाला लईक अब्बास वहां पहुंचा और उसने कार में बैठे तकी रजा पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। फायरिंग में एक गोली तकी रजा के सीने में व एक सिर में लगी। बेहद करीब से हुए हमले में तकी रजा की मौके पर ही मौत हो गई। पिता पर हुए हमले को देखकर शीना हत्यारोपी से भिड़ गई। इस बीच गेट पर खड़ा तकी रजा का नौकर मुन्ने भी उस ओर दौड़ पड़ा और उसने आरोपी को पीछे से दबोच लिया।

परिवारीजनों के मुताबिक खुद को घिरता देख आरोपी लईक अब्बास ने मुन्ने पर गोली चला दी। गोली मुन्ने के गर्दन को छूती निकल गई, लेकिन उसने आरोपी को नहीं छोड़ा। इस बीच शीना ने बहादुरी दिखाते हुए आरोपी का असलहा छीन लिया। गोली चलने एवं चीख-पुकार की आवाज सुनकर आसपास मौजूद लोग इकट्ठा हो गए। काफी देर तक चले संघर्ष के दौरान लईक अब्बास को दबोच लिया। लोगों की सूचना पर चौक कोतवाली की पुलिस मौके पर पहुंच गई और लईक अब्बास को गिरफ्तार कर लिया।

लईक के साथ मौजूद था एक अन्य

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आरोपी लईक अब्बास पहले से घात लगाकर तकी रजा का इंतजार कर रहा था। आरोपी लईक के साथ बाइक पर एक अन्य युवक भी मौजूद था। जैसे ही आरोपियों ने तकी रजा की कार देखी लईक बाइक से उतर गया। इससे पहले की मुन्ने गेट खोलता और कार नाजिम साहब के इमामबाड़े के भीतर प्रवेश करती लईक वहां पहुंच गया और तकी रजा को गोली मार दी। हत्या की सूचना मिलने पर एसएसपी राजेश कुमार पांडेय, एएसपी अजय कुमार मिश्रा एवं सीओ चौक समेत अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और मामले की पड़ताल की। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त असलहा बरामद कर लिया है।

प्रापर्टी का विवाद बनी हत्या की वजह

नवाब के मुताबिक नाजिम साहब की इमामबाड़ा के बगल में दुकान है, जिसको लेकर लईक व तकी रजा में बीते 15 वर्ष 15 वर्ष से विवाद चल रहा था। उन्होंने बताया कि आज प्रापर्टी का न्यायालय से फैसला आने वाला था। आरोप है लईक उस दुकान को किसी भी कीमत पर हासिल करना चाहता था। इसी कारण उसने वारदात को अंजाम दिया। लईक व उसके साथी ने पहचान छिपाने के लिए हेलमेट पहन रखे थे। वारदात के बाद लईक को घिरता देख बाइकसवार युवक उसे छोड़कर नक्खास की तरफ भाग निकला। एएसपी पश्चिमी अजय कुमार मिश्र के मुताबिक गोल्डेन इलेक्ट्रानिक्स नामक दुकान की प्रापर्टी को लेकर लईक का तकी रजा से विवाद चल रहा था। आज सिविल कोर्ट में इस मामले की तारीख लगी थी। पूछताछ में आरोपी ने अपने एक अन्य साथी के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी है। सीसीटीवी फुटेज व अन्य साक्ष्यों के आधार पर फरार आरोपी की तलाश की जा रही है।

सोनभद्र में पत्नी की गोली मारकर हत्या

सोनभद्र के पन्नूगंज थाना क्षेत्र के महुअरी गांव में सोमवार की रात पहुंचे पति ने पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गया। घटना का कारण पत्नी की विदाई न होना रहा। गांव के प्रेम पांडेय की पुत्री ज्योति (२२) की शादी झारखंड राज्य के पलामू जिले के पांडु थाना क्षेत्र के भदुआ गांव निवासी अक्षय दीक्षित से इसी वर्ष २२ जून को हुई थी। शादी के बाद ज्योति ससुराल गई लेकिन दो दिन बाद ही खाना बनाते समय मां के जल जाने की खबर पर चार दिन बाद मायके आ गई और तभी से मायके में रह रही थी।

चार दिन पूर्व अक्षय ससुराल पहुंचा लेकिन ज्योति ने मां की तबीयत का हवाला देते हुए जाने से मना कर दिया। पिता का कहना था कि अक्षय तृतीया पर उसकी विदाई की जाएगी। यह बात अक्षय को नागवार लगी। उसी दिन गांव में पंचायत भी हुई। पंचायत में नाराज पति ने धमकी दी कि अगर १० अगस्त को विदाई नहीं हुई तो ज्योति को गोली मार देगा लेकिन इस बात को लोगों ने मजाक समझा। इसके बाद अक्षय अपने घर चला गया और तय समय पर लौटने के बाद घटना को अंजाम दे दिया।


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