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आधार प्रमाणीकरण के बगैर नहीं हो सकेंगे छात्रवृत्ति के आवेदन, गड़बड़ी रोकने के लिए यूपी सरकार का निर्णय

उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की गड़बड़ी रोकने के लिए आधार नंबर प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 12:14 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 12:14 PM (IST)
आधार प्रमाणीकरण के बगैर नहीं हो सकेंगे छात्रवृत्ति के आवेदन, गड़बड़ी रोकने के लिए यूपी सरकार का निर्णय

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की गड़बड़ी रोकने के लिए आधार नंबर प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया है। प्रमाणीकरण के बगैर छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति के ऑनलाइन आवेदन पत्र नहीं भर पाएंगे। यानी आवेदन पत्र में दर्ज विवरण का आधार से मिलान होने के बाद ही छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के आवेदन पत्र आगे बढ़ाये जाएंगे। यह व्यवस्था वर्तमान वित्तीय वर्ष से सभी विभागों की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में लागू होगी।

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उत्तर प्रदेश में समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण व जनजाति विकास विभाग में संचालित छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में अब आधार नंबर प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के ऑनलाइन आवेदन भरने में छात्र-छात्राओं को नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि व जेंडर भरना होगा। आधार नंबर डालने के बाद सॉफ्टवेयर यूआइडीएआइ की वेबसाइट से विवरण मिलाएगा। यदि विवरण मेल नहीं खाया तो आधार नंबर प्रमाणीकरण नहीं होगा। ऐसे में आवेदन पत्र आगे नहीं बढ़ेगा। यानी आप जो विवरण ऑनलाइन आवेदन पत्र में भर रहे हैं वह आपके आधार कार्ड में दर्ज विवरण से मिलना चाहिए।

आधार नंबर प्रमाणीकरण के बाद छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के आवेदन पत्रों को पूरा भरकर जमा करना होगा। इस नई व्यवस्था से ऐसे छात्र-छात्राएं भी आवेदन नहीं कर पाएंगे, जिनके आधार कार्ड में दर्ज विवरण हाईस्कूल में दर्ज विवरण से अलग हैं। यानी नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि व जेंडर में एक भी चीज आधार से मिसमैच नहीं होनी चाहिए। इस नई व्यवस्था से छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति में होने वाली गड़बडिय़ां रुक सकेंगी।

निजी विश्वविद्यालयों के लिए नियम और सख्त

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा बी से नीचे का ग्रेड पाने वाले निजी विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं भी शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। निजी विश्वविद्यालयों में जिनका ग्रेड बी या इससे ऊपर है, उन्हीं के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इसी प्रकार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त तकनीकी पाठ्यक्रमों में जो एनबीए से ग्रेडिंग प्राप्त हैं, उन्हीं के छात्र-छात्राएं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन कर सकेंगे।


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