23 साल बाद फिर निकला आयुर्वेद घोटाले का जिन्न, सीबीआइ का आरोपित दुर्गेश पर शिकंजा
जाच एजेंसी ने नगर निगम से कई संपत्तियों का ब्योरा जुटाया। 1995 में दवा खरीद में हुई थी धाधली दुर्गेश सक्सेना है आरोपित।
लखनऊ[अजय श्रीवास्तव]। 1994-95 में आयुर्वेदिक दवाओं की खरीद में हुए घोटाले का जिन्न फिर निकल आया है। घोटाले की जाच कर रही सीबीआइ आरोपित दुर्गेश सक्सेना की आय से अधिक संपत्तियों के साथ ही बेनामी संपत्तियों को खंगाल रही है। जाच एजेंसी ने कई संपत्तियों का ब्योरा जुटाया है, जो दुर्गेश और उनके परिजनों के नाम दर्ज हैं। गुरुवार (19 जुलाई) दोपहर करीब दो बजे सीबीआइ की दो सदस्यीय टीम लालबाग स्थित नगर निगम मुख्यालय पहुंची और भवन कर निर्धारण विभाग से कुछ संपत्तियों के अभिलेख एकत्र किए।
नगर निगम के सूत्रों के मुताबिक, सीबीआइ ने शहर की कुछ संपत्तियों की सूची दी है, जो किसी अन्य के नाम दर्ज हैं, लेकिन वह लोग दुर्गेश सक्सेना से जुड़े बताए जा रहे हैं। सीबीआइ को नगर निगम से अभी जिन संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली है, उसमें नजरबाग वार्ड में कैंट रोड पर भवन संख्या 118/090 एबी चंचल सक्सेना के नाम है। चंचल दुर्गेश की पत्नी हैं। इस भवन पर 3 लाख 85 हजार 511 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। इसी तरह विक्रमादित्य वार्ड के महात्मा गाधी मार्ग पर चंचल सक्सेना के नाम 31/ 127 'ए' भवन भी है, जिसकी भवन आइडी 9157 ए01943 है। इस भवन पर भी 35 हजार 235 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। महात्मा गाधी मार्ग पर भवन संख्या 31/127 दुर्गेश कुमार सक्सेना के नाम दर्ज है। इस पर 95 हजार 12 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। हजरतगंज के नवल किशोर रोड पर भवन संख्या 43/ 007 है। इस भवन पर भी एक लाख 820 रुपये हाउस टैक्स बकाया है। क्ले स्क्वायर के दो मंजिला भवन पर नजर:
सीबीआइ की नजर क्ले स्क्वायर में दो मंजिला भवन (80 नंबर)पर है। सीबीआइ को जानकारी मिली है यह भवन मिथिलेश सक्सेना और दुर्गेश सक्सेना का है लेकिन नगर निगम में इस भवन संख्या के अभिलेख नहीं मिल पाए। अब नगर निगम इस भवन के अभिलेखों को जुटा रहा है।