Scam: चकबंदी विभाग में पदोन्नति धांधली की जांच अब करेगी विजिलेंस Lucknow News
70 चपरासियों के प्रमोशन में हुई थी अनियमितता। शासन के आदेश पर स्थानांतरित हुई जांच गिरफ्तारी की तैयारी।
लखनऊ, [ज्ञान बिहारी मिश्र]। चकबंदी विभाग के 70 चपरासियों को कनिष्ठ सहायक के पद पर पदोन्नति मामले में धांधली की जांच अब विजिलेंस को स्थानांतरित कर दी गई है। इससे पहले सीओ हजरतगंज मामले की विवेचना कर रहे थे। शासन के आदेश पर अब विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है।
आरोपितों के खिलाफ वारंट जारी
विवेचना में चकबंदी विभाग के लिपिक अशोक यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोपित के पास से 11 लाख 30 हजार रुपये भी बरामद किए गए थे। आरोपित सुरेश यादव, रविंद्र दुबे और छोटेलाल मिश्र ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अरेस्ट स्टे ले रखा था, जिसे पुलिस ने निरस्त करवा दिया है। विवेचक की अर्जी पर न्यायालय ने आरोपितों के खिलाफ वारंट जारी किया है। सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस ने हजरतगंज पुलिस से केस डायरी हासिल कर ली है, जिसके आधार पर फरार चल रहे आरोपितों को गिरफ्तार करने की तैयारी चल रही है।
यह है मामला
कनिष्ठ सहायक के पद पर पदोन्नति में की गई अनियमितता उजागर होने के बाद उप संचालक चकबंदी उमेश गिरि ने हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई थी। एफआइआर में अपर संचालक चकबंदी सुरेश सिंह यादव, संयुक्त संचालक चकबंदी रविंद्र कुमार दुबे और अन्य अधीनस्थ कार्मिकों के खिलाफ गंभीर आरोप थे। प्रारंभ में घोर अनियमितता की जांच कृषि उत्पादन आयुक्त से कराई गई थी, जिसमें आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की संस्तुति हुई थी। धांधली में चयन समिति के तत्कालीन अध्यक्ष सुरेश सिंह यादव ने एफआइआर दर्ज होने के बाद अरेस्ट स्टे ले लिया था। सुरेश को एक अन्य मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था।