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सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी सरदार पटेल को श्रद्धांजलि, बोले-देश की एकता के सूत्रधार थे लौहपुरुष

Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के पहले उप प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उनको विनम्र श्रद्धांजलि दी। आज मुख्यमंत्री ने पटेल प्रतिमा हजरतगंज पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि दी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 11:19 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 11:29 AM (IST)
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी सरदार पटेल को श्रद्धांजलि, बोले-देश की एकता के सूत्रधार थे लौहपुरुष
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्थान तथा पतन किसी भी व्यक्ति के साथ राष्ट्र को भी प्रभावित करता है

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर आज उनको नमन किया। हजरतगंज में सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनको देश की एकता व अखंडता का सूत्रधार बताया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक तथा भाजपा लखनऊ के नेता भी थे।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के पहले उप प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उनको विनम्र श्रद्धांजलि दी। आज मुख्यमंत्री ने पटेल प्रतिमा, हजरतगंज पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि दी। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरदार पटेल ही देश की एकता के सूत्रधार थे। वह किसी भी प्रकार के बंटवारे के पक्षधर नहीं थे। सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत को एक सूत्र में बांध कर देश की एकता व अखंडता को अभेद्य कवच बनाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्थान तथा पतन किसी भी व्यक्ति के साथ राष्ट्र को भी प्रभावित करता है। हमारा देश भी लम्बे समय तक इससे प्रभावित रहा। विदेशी जानते थे कि वह भारत में तब तक शासन कर सकते हैं, जब तक भारत के लोग कहीं पर भी एकजुट न हो सकें। इसी कारण वह लम्बे समय तक भारत पर काबिज रहे। इसके बाद जब देश के नेता सक्रिय हो गए तो मामला बदल गया।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत देश भले ही किसी कालखंड में राजनीतिक रूप में अलग-अलग समूहों के रूप में रहा हो, लेकिन अतीत के उस कालखंड से जब से मानव ने धरती पर जन्म लिया, उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में समुद्र पर्यंत तक पूरा भारत एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में जाना जाता था।


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