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ढाक की धुन, धुनुचि आरती और संधि पूजा

ढाक की धुन और लोबान के साथ धुनुचि आरती करते श्रद्धालु और मंत्रोच्चारण करत

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 01:52 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 05:02 AM (IST)
ढाक की धुन, धुनुचि आरती और संधि पूजा

लखनऊ, जेएनएन। ढाक की धुन और लोबान के साथ धुनुचि आरती करते श्रद्धालु और मंत्रोच्चारण करते पुरोहित। कुछ ऐसा नजारा शनिवार को दुर्गा पूजा पंडालों में संधि पूजा में दिखा। बंगाली समाज की इस खास पूजा में समाज के लोगों की भीड़ रहती थी, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी गई। केवल पूजा समिति के पदाधिकारियों ने पूजा-अर्चना की।

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सुबह 11 बजे से विधि-विधान से शुरू हुई पूजा में कमल के फूलों का प्रयोग किया गया। 108 दीपक, 108 कमल पुष्प, 108 गुड़हल के पुष्प और 108 बेलपत्रों से होने वाली पूजा सीमित संसाधनों के साथ पूरी कराई गई। अष्टमी और नवमी तिथि की संधि की वजह से यह संधि पूजा होती है। 24 मिनट मां महागौरी और 24 मिनट मां के नवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा हुई। सुबह ढाक की धुन पर धुनुचि आरती के साथ आलमबाग के सिधी स्कूल में सुबह विशेष पाठ किया गया, तो कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी के कमेटी हॉल में संधि पूजा में कमेटी के सदस्य सम्मिलित हुए। बच्चों और बुजुर्गों के प्रवेश पर प्रतिबंध का असर भी नजर आया, जिसकी वजह से भीड़ कम रही। कोरोना संक्रमण के चलते पूजा हुई। संधि पूजा को सोशल मीडिया के माध्यम से घर बैठे श्रद्धालुओं को दर्शन कराया गया। विद्यांत कॉलेज में धुनुचि आरती हुई तो बादशाहनगर पूजा कमेटी की संयोजक सदस्य प्रिया सिन्हा के संयोजन में धुनुचि आरती के साथ महिलाओं ने ढाक की धुन पर नृत्य भी किया। पूजन के दौरान शंखनाद ने पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा। बंगाली क्लब के अध्यक्ष अरुण बनर्जी ने बताया कि सीमित लोगों की मौजूदगी में संधि पूजन किया गया। ट्रांसगोमती नगर दुर्गा पूजा एवं दशहरा कमेटी के संयोजक तुहिन बनर्जी ने बताया कि अलीगंज के चंद्रशेखर पार्क के सामने 108 दीपकों के साथ संधि पूजा हुई, लेकिन प्रसाद वितरण नहीं हुआ। केकेसी के सेवाग्राम कॉलोनी में स्थापित दुर्गा पूजा पंडाल में सुशांतो, अतुल व मदन की ढाक पर पीके घोष ने संधि पूजन में हिस्सा लिया। शाश्वत सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थान द्वारा विकास नगर में दुर्गा पंडाल में पूजन किया गया। सुमित ने बताया कि नौ कन्याओं को गोद लेने का संकल्प भी लिया गया। छावनी दुर्गा पूजा कमेटी की ओर से पिक पंडाल में मां का आह्वान किया गया। प्रवक्ता निहार डे ने बताया कि पूजन के साथ ही कोरोना के संहार की कामना की गई। आशियाना दुर्गा पूजा कमेटी के संयोजक सदस्य बी घोष ने बताया कि मंदिर में कलश के सामने संधि पूजन किया गया। गोमतीनगर के विकल्पखंड स्थित शिव मंदिर में नीरा सिन्हा, अनुपम सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव की मौजूदगी में संधि पूजन हुआ। निरालानगर के श्रीरामकृष्ण मठ में अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानंद के सानिध्य में मां का आह्वान किया गया। संधि पूजन में बंगाल से आए पुरोहितों ने हिस्सा लिया। शहर के अन्य सभी दुर्गा पूजा पंडालों में पूजन हुआ। झूलेलाल घाट के कुंड में होगा 26 को होगा विसर्जन

दुर्गा पूजा विसर्जन कमेटी के अध्यक्ष रूपेश मंडल ने बताया कि विसर्जन को लेकर गाइडलाइन निर्देशों के अनुसार विसर्जन 26 अक्टूबर को झूलेलाल वाटिका में बनाए जाने वाले जलकुंड में होंगे। श्रद्धालुओं से अपील है कि वे विसर्जन जुलूस न निकालें। गाइडलाइन के तहत छोटे वाहन में माता की प्रतिमा लेकर पांच श्रद्धालुओं के साथ आएं। विसर्जन की तस्वीरें कमेटी को उनके वाट्सएप पर भेजी जाएंगी। झूलेलाल घाट पर आदि गंगा गोमती के किनारे बनाए गए कुंड में विसर्जन होगा। बंगाली क्लब में परिसर में ही भूमि विसर्जन किया जाएगा। सिंदूर खेला के साथ मां की विदाई होगी।


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