लखीमपुर में Red Sand Boas सांपों के छह शातिर तस्कर गिरफ्तार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों में है कीमत
लखीमपुर के थाना निघासन पुलिस ने शनिवार देर रात चेकिंग के दौरान निघासन-ढकेरवा मार्ग पर बनारस के नंबर वाली फोरव्हीलर से छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से दो रेड सैंडबोआ सांप बरामद हुए। यह सभी अभियुक्त प्रयागराज सोनभद्र लखीमपुर और मिर्जापुर जिलों के रहने वाले हैं।
लखीमपुर, जेएनएन। थाना निघासन पुलिस ने शनिवार देर रात चेकिंग के दौरान निघासन-ढकेरवा मार्ग पर बनारस के नंबर वाली फोरव्हीलर से छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से दो रेड सैंडबोआ सांप बरामद हुए। एसपी विजय ढुल ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्त शातिर वन्यजीव तस्कर हैं, जिनसे पूछताछ कर और जानकारी एकत्र की जा रही है। यह सभी अभियुक्त प्रयागराज, सोनभद्र, लखीमपुर और मिर्जापुर जिलों के रहने वाले हैं।
दरअसल निघासन-ढकेरवा मार्ग पर रिलायंस पेट्रोल पंप के निकट जब पुलिस टीम चेकिंग कर रही थी तो वहां बनारस के नंबर वाली एक संदिग्ध हुंडई आइ 20 कार दिखी। जिसे पुलिस ने रोका और तलाशी ली। तलाशी के दौरान कार से एक बोरी में बंद रेड सैंडबोआ सांप बरामद हुए। इस पर पुलिस ने कार में सवार सभी छह अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अभियुक्तों ने अपने नाम अमित गिरि निवासी शिवकुटी, प्रयागराज, सतीश कुमार सोनी निवासी ग्राम विहसड़ा कलां, थाना जिगना, जिला मिर्जापुर, अनिल कुमार निवासी ग्राम अकबर शाहपुर, थाना मेजा, प्रयागराज, मुकेश कुमार निवासी ग्राम तेलन, थाना पन्नूगंज, जिला सोनभद्र, राजेंद्र कुमार निवासी ग्राम हरनाम बोझिया, थाना निघासन, लखीमपुर व रिशु यादव निवासी ग्राम गढ़वा, थाना राबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र बताया। एसपी ने बताया कि बरामद दोमुहा सांपों में एक की लंबाई 30 इंच और वजन 850 ग्राम व दूसरे की लंबाई 32 इंच और वजन 900 ग्राम है।
करोड़ों में है कीमत
इन सांपों की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों में बताई जा रही है। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्त रेड सैंडबोआ सांपों को पकड़कर उनकी तस्करी व उन्हें धोखाधड़ी से लोगों को बेचने का धंधा करते हैं।
रेड सैंड बोआ की क्या है खासियत
वन्यजीव विशेषज्ञ केके मिश्रा बताते हैं कि आम बोलचाल में दोमुंहा सांप कहे जाने वाले इस सर्प का वास्तविक नाम रेड सैंड बोआ है। इस सांप की खासियत यह है कि इसका मुंह और पूंछ तकरीबन एक ही आकार के होते हैं। इसकी ये विशेषता शिकारियों से इसके रक्षण में मददगार होती है। यह सांप विषैला नहीं होता है। चूंकि यह सांप मुंह और पूंछ दोनों ओर से चल सकता है। इस कारण ऐसा आभास होता है कि इसके दो मुंह हैं और तभी इसे दोमुंहा सांप कहा जाता है।