सपा नेताओं ने लखनऊ की सड़कों पर फेंका था आलू, दो गिरफ्तार
लखनऊ में विधानसभा मार्ग के साथ ही अन्य वीआइपी सड़कों पर आलू फेंकने के मामले में समाजवादी पार्टी की साजिश सामने आ गई है। पुलिस ने कल रात कन्नौज से दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
लखनऊ (जेएनएन)। राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और विधान भवन के सामने आलू फेंकने के पीछे सपा नेताओं की साजिश थी। एसएसपी दीपक कुमार ने शनिवार को इसका पर्दाफाश करते हुए बताया कि सरकार को बदनाम करने के लिए समाजवादी पार्टी से जुड़े नेताओं ने आलू फेंका था। इस प्रकरण में कई नेताओं के नाम प्रकाश में आए हैं। इनमें कन्नौज की सपा से जिला पंचायत अध्यक्ष शिल्पी कटियार के पति संजू कटियार, सपा से ही नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी रहे जय कुमार तिवारी एवं शिवेंद्र सिंह उर्फ कुक्कू चौहान समेत तमाम लोग शामिल हैं।
एसएसपी के अनुसार छह जनवरी को आलू फेंकने की घटना प्रकाश में आने के बाद से सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र इसकी जांच कर रहे थे। पड़ताल के दौरान मोबाइल नंबरों की लोकेशन एवं सीडीआर के आधार पर पुलिस को अहम जानकारियां मिलीं। जांच में विधान भवन, राजभवन व मुख्यमंत्री आवास के आसपास घटना के वक्त कन्नौज व लखनऊ के कई सपा नेताओं की लोकेशन मिली। साक्ष्यों के आधार पर पता चला कि शिवेंद्र सिंह उर्फ कुक्कू, संदीप उर्फ रिक्की यादव, दीपेंद्र सिंह चौहान, संजू कटियार, प्रदीप सिंह उर्फ बंगाली प्रधान तथा जय कुमार तिवारी उर्फ बड़े बउवन समेत अन्य ने कन्नौज में घटना की साजिश रची थी। आरोपित दीपेंद्र, कुक्कू चौहान का सगा भाई है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपित घटना से पूर्व लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित एक भवन में ठहरे थे। वहीं, पकड़े गए आरोपित संतोष का कहना है कि यह भवन सपा की एक शाखा से संबंधित है।
कुक्कू, संजू ने खरीदे थे आलू
सीओ हजरतगंज के मुताबिक, कुक्कू और संजू ने कन्नौज के पुरानी ठठिया स्थित सतीश जाटव के कोल्ड स्टोरेज से पांच जनवरी को आलू खरीदा था। उक्त कोल्ड स्टोरेज के मालिक सतीश हैं। पुलिस सतीश की भूमिका के बारे में पड़ताल कर रही है।
आठ गाडिय़ों का हुआ इस्तेमाल
जांच में पता चला कि संदीप उर्फ रिक्की यादव ने आलू लादने के लिए कुल आठ पिकप गाडिय़ों की व्यवस्था की थी। ठठिया कोल्ड स्टोरेज से सारी गाडिय़ां एक साथ निकली थीं। कुक्कू चौहान की फाच्र्यूनर गाड़ी में उनका करीबी अंकित सिंह समेत अन्य लोग भी बैठे थे। एक के पीछे एक कई लग्जरी गाडिय़ों का काफिला लखनऊ आया था। यहां छह जनवरी को तड़के वीआइपी सड़कों पर आलू गिराया गया था। कोल्ड स्टोरेज से सभी गाडिय़ों में दीपेंद्र सिंह चौहान, बड़े बउवन और बंगाली प्रधान ने आलू लदवाया था।
इन दोनों की हुई गिरफ्तारी
एएसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्र के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज में एक मङ्क्षहद्रा पिकप गाड़ी कैद हुई थी, जिसके नंबर के आधार पर छानबीन की गई। इस दौरान उक्त गाड़ी के चालक कन्नौज के ठठिया निवासी संतोष पाल और फगुहा, लोहमन, तिरवा निवासी कुक्कू चौहान के करीबी अंकित सिंह को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में दोनों आरोपितों ने सपा नेताओं के नाम बताए हैं। दोनों के पास से बोलेरो पिकप गाड़ी और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
अन्य की भूमिका की जांच
पुलिस का कहना है कि इस पूरे साजिश में तमाम लोगों की भूमिका है। सपा के अन्य नेताओं की भूमिका के बारे में पड़ताल की जा रही है। आरोपित कहां-कहां रुके थे, किन लोगों ने सहयोग किया और साजिश में कौन-कौन लोग शामिल थे, इसकी जांच की जा रही है।
सीओ की सराहना, खंगाले 10 हजार मोबाइल नंबर
एसएसपी ने पत्रकार वार्ता के दौरान मामले का राजफाश करने वाले सीओ हजरतगंज की सराहना की। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह की कड़ी मेहनत के बाद सीओ ने इस घटना का पर्दाफाश किया है। इसके लिए उन्होंने 10 हजार से अधिक मोबाइल नंबरों की जांच की और उनकी लोकेशन खंगाली, तब जाकर सफलता मिली। इस कार्य के लिए साइबर सेल की टीम को लगाया गया था, जिन्हें प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
फरार हैं सभी आरोपित
एसएसपी का कहना है कि इस साजिश में प्रकाश में आए सपा नेता समेत अन्य लोग फरार हैं। हजरतगंज कोतवाली में अज्ञात लोगों तथा गाड़ी के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। सभी आरोपितों के मोबाइल नंबर बंद जा रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीम को लगाया गया है। जल्द ही उन्हें भी दबोच लिया जाएगा।
लखनऊ क्राइम ब्रांच और हजरतगंज पुलिस ने ठठिया, तिर्वा, कन्नौज सदर से जुड़े तीन दर्जन गांवों में छापेमारी की। इसके बाद टीम पूरी रात जिले में डटी रही। ठठिया थाने के पास से आलू फेंकने वाले लोडर के चालक को टीम ने उठाया। उसका नाम संतोष पाल बताया गया है। यहां से टीम तिर्वा कोतवाली पहुंची और फगुहा गांव से दूसरे आरोपी अंकित चौहान को उठाया। बताते हैं कि आलू फेंकते समय विधान भवन के सामने सीसीटीवी कैमरों में उनकी फोटो कैद होने से पुलिस यहां तक पहुंची। इसके बाद टीम ने अलग-अलग गांवों में छापेमारी की लेकिन कोई पकड़ा नहीं जा सका।
छापेमारी शुरू करने के बाद क्राइम ब्रांच, हजरतगंज पुलिस की टीमें कल तड़के चार बजे तक जिले में रहीं। उनके साथ सर्विलांस टीम, ठठिया थाना, तिर्वा व कन्नौज सदर कोतवाली की टीमें शामिल थीं। आलू कारोबार से जुड़े कुछ लोगों पर भी टीम ने निगाह डाली है। जल्द इन पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
लोडर में ठठिया के पास लादा आलू
विधानभवन व लखनऊ की सड़कों पर फेंके गए आलू ठठिया स्थित एक कोल्ड स्टोरेज के पास से लादे गए थे। इसके बाद लोडर के आगे-पीछे तीन से चार कारों में अन्य लोग भी लखनऊ पहुंचे। तय रणनीति के तहत आलू विधान भवन के सामने से आगे तक तड़के चार बजे फेंके गए। इसके बाद सभी वहां से निकल आए पर यह नजारा विधान भवन व हाई सिक्योरिटी जोन सड़कों पर लगे विशेष सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया।
एसपी कन्नौज हरीश चंदर ने बताया कि लखनऊ से क्राइम ब्रांच समेत अन्य टीमें आई थीं। उनकी मदद में जिले की पुलिस टीमों को लगाया गया था। किसी गोपनीय मामले को लेकर पुलिस ने कार्रवाई की है। छापे के पीछे कारणों की कोई जानकारी नहीं है। आगे निर्देश मिलने के बाद पुलिस अपना काम करेगी।
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि लखनऊ के राजभवन, विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास के सामने से लेकर 1090 चौराहे तक आलू फेंकने के पीछे राजनीतिक साजिश थी। हजरतगंज पुलिस आलू फेंकने वाले लोडर चालक सहित तीन लोगों को कन्नौज से पकड़ा। पुलिस ने कन्नौज ठठिया कस्बे में दबिश के दौरान लोडर भी जब्त किया है। पुलिस का कहना है कि आलू सरकार को निशाना बनाने के लिए फेंके गए थे।
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा ने करीब 10 हजार से ज्यादा नम्बरों को खंगाला। उसमें एक संदिग्ध नंबर संतोष पाल का मिला। जांच के दौरान बात साफ हो गई कि संतोष की गाड़ी सुबह 3.45 बजे इसी इलाके में सुबह में मिली थी। फुटेज में कन्नौज की गाड़ी दिखी। पुलिस ने पता लगाया और फिर आरोपियों को पकड़ा। आरोपी ने कबूला कि हम लोगों ने आलू फेंका था।एसएसपी ने बताया कि लोडर चालक ने जो नाम बताएं उनके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकलवाई तो बात सही निकली। पुलिस ने इस कांड में शामिल नेताओं के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल के आधार पर कई अन्य नेताओं को भी साजिश का हिस्सा बनाया है। या रिपोर्ट जल्दी गृह विभाग को भेजी जाएगी। फि़लहाल योगी सरकार की किरकिरी करने वाले इस किस्से का पुलिस ने खुलासा कर दिया है।
आलू फेंकने की घटना साजिश की तरह की गई। इसमें कुल 6 लोग शामिल थे। संदीप कुक्कू चौहान, दीपेंद्र चौहान, प्रदीप सिंह बंगाली ,बड़े कुमार समेत 6 लोग शामिल थे। लोडर के ड्राइवर संतोष पाल ने बताया कि उस रात कुक्कू चौहान अपनी फॉर्च्यूनर में आगे चल रहा था। कुक्कू के साथ अंकित और दीपेन्द्र गाड़ी में बैठे थे। एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि आलू फेंकने की साजिश समाजवादी युवजन सभा के नेताओं ने रची थी।कन्नौज के तिर्वा से डाला भरकर आलू लाया गया था। पुलिस को सीसीटीवी से अहम सबूत मिले हैं। इस मामले में पुलिस ने कन्नौज के सपा नेता के करीबी अंकित सिंह और डाला चालक संतोष पाल को गिरफ्तार किया है।
सतीश जाटव और अनुराग दोहरे के कोल्ड स्टोरेज से इन लोगों ने पुराना आलू लिया था। सतीष जाटव ने रामप्रसाद मिश्रा के कोल्ड स्टोरेज से खरीदा था। जय कुमार तिवारी भी इसमें शामिल थे, रात में मॉल एवेन्यू गये थे। किसके घर मे रुके थे इसके बारे में जानकारी की जा रही है। पकड़े गए संतोष और अंकित सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं।
इस मामले में रिपोर्ट बनाकर गृह विभाग को भेजी गई है। माल एवेन्यू स्थित पार्टी के दफ्तर में फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारी एकत्र हुए और आलू एक लोडर में भरा गया। आधी रात के बाद लोडर राज भवन की तरफ रवाना किया गया। इसमें बैठे मजदूर बोरे काटकर आलू फेंकते जा रहे थे।
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लोडर के आगे पीछे राजनीतिक पार्टी के नेता कारों से चल रहे थे। सीसीटीवी फुटेज में भी लोडर के आसपास कारें चलती नजर आ रही हैं। पुलिस ने लोडर चालक से पूछताछ की तो राजनीतिक साजिश की पुष्टि हो गई।
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लखनऊ की सड़कों पर 6 जनवरी को आलू सुबह के वक्त देखने को मिला था । विरोधी दल के नेता इसे किसानों का गुस्सा बता रहे थे। उस वक्त कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा-सड़कों पर सड़े आलू फेंकवाए गए। विपक्ष योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रहा है।
इस मामले में 12 घंटे बाद लखनऊ एसएसपी दीपक कुमार के आदेश जारी करते हुए एक सब- इस्पेक्टर और 4 सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया। गौतमपल्ली थाना क्षेत्र के सब इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार ( ड्यूटी पर नाइट ऑफिसर), कांस्टेबल अंकुर चौधरी, वेदप्रकाश, हजरतगंज थाने के कांस्टेबल कोमल सिंह, नवीन कुमार तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का साथ जांच का आदेश दिया गया।