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उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक बोर्ड में अब नहीं रहेगा समाजवादी पार्टी का वर्चस्व

उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक की स्थानीय समितियों के चुनाव में समाजवादी पार्टी का एकाधिकार समाप्त हो गया। निर्विरोध निर्वाचित सभापति और सदस्यों में से दो तिहाई भाजपाई हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 11:04 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 11:04 PM (IST)
उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक बोर्ड में अब नहीं रहेगा समाजवादी पार्टी का वर्चस्व
उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक बोर्ड में अब नहीं रहेगा समाजवादी पार्टी का वर्चस्व

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक बोर्ड में अब समाजवादियों का वर्चस्व नहीं रहेगा। मंगलवार को प्रदेश की 35 शाखाओं में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों का ही दबदबा रहा। कई स्थानों पर टकराव के हालात भी बने और कुछ सपाइयों ने जीत की चाह में पाला बदलकर अपनी मुराद पूरी कर ली। एक दो स्थानों पर भाजपा के बागी भारी सिद्ध हुए।

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उत्तर प्रदेश में अरसे बाद हो रहे सहकारी ग्राम विकास बैंक की स्थानीय समितियों के चुनाव में समाजवादी पार्टी का एकाधिकार समाप्त हो गया। कुल 323 शाखाओं में मात्र 35 पर ही मतदान की नौबत आई। निर्विरोध निर्वाचित सभापति और सदस्यों में से दो तिहाई भाजपाई हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के बीच मंगलवार को 35 स्थानों पर बैलेट के जरिए फैसला हुआ। इसमें चुनार, गुन्नौर, संभल व मीरजापुर सहित अन्य स्थानों के अलावा अन्य क्षेत्रों में भाजपा समर्थक विजयी हुए।

कन्नौज के तिर्वा में हिंसक टकराव के बावजूद सपाइयों को हार का मुंह देखना पड़ा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के गढ़ में मिली पराजय का समाजवादी पार्टी समर्थकों को मलाल है, क्योंकि इन चुनावों में शिवपाल सिंह यादव खेमा इक्कीस साबित हुआ। हापुड़ में भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार को बागी प्रत्याशी ने शिकस्त देकर गुटबाजी को उजागर किया। बोर्ड सभापति व निदेशक मंडल की चुनाव प्रक्रिया 12 सितंबर से आरंभ होगी।

सहकारी बैंकों के आमेलन का विरोध : सहकार भारती के वेबिनार में मंगलवार को जिला सहकारी बैंकों के आमेलन का विरोध किया गया। इस मौके पर रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे ने कहा कि सहकारिता आंदोलन की गरिमा व पवित्रता को बनाए रखा जाएगा। इस बारे में सहकारी बैंकों के अध्यक्षों की भावना से सरकार को अवगत करा दिया जाएगा। संचालन कर रहे महामंत्री डॉ.प्रवीण सिंह जादौन ने कहा कि कमजोर स्थिति वाले 16 बैंकों की मदद करने की जरूरत है न कि जिला सहकारी बैंकों का अस्तिव समाप्त किया जाए।


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