दो वर्ष अधिक नौकरी करने वाले दारोगा से होगी रिकवरी, बाराबंकी में खंगाला जाने लगा पुलिसकर्मियों का रिकार्ड
जगतपाल वर्मा की सही जन्मतिथि 1959 है लेकिन भर्ती के समय ही तैयार किए दस्तावेजों व चरित्र पत्रिका में 1962 दर्ज कर दिया गया। सही तिथि के अनुसार 2019 में सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए जबकि चरित्र पत्रिका में दर्ज जन्मतिथि के आधार पर उनको वर्ष 2022 में सेवानिवृत्त होना है।
बाराबंकी, संवादसूत्र। जिस दारोगा को 31 अक्टूबर, 2019 को सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए था। वह अब तक नौकरी कर रहे हैं। करीब दो साल से लगभग 80 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन भी ले रहे हैं। मामला प्रकाश में आने के बाद सीओ क्राइम को जांच दी गई है। अब इनके वेतन से रिकवरी का आदेश दिया गया है। सबक लेते हुए जिले के करीब चार हजार पुलिसकर्मियों का रिकार्ड खंगाला जाने लगा है।
मूल रूप से लखीमपुर खीरी के जगतपाल वर्मा पुलिस विभाग में आरक्षी थे। पदोन्नति पाकर हेड कांस्टेबल हुए और स्थानांतरण पर बाराबंकी में तैनाती मिली। वर्ष 2016 में वह उपनिरीक्षक हो गए। तबसे जिले में ही तैनात हैं। जन्मतिथि के अनुसार जगतपाल वर्मा को 31 अक्टूबर, 2019 को सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए था। करीब एक सप्ताह पहले यह प्रकरण तब संज्ञान में आया जब एसपी के आदेश पर रुटीन में सेवानिवृत्त के करीब उम्र वाले पुलिसकर्मियों का रिकार्ड खंगाला जा रहा था।
सीओ क्राइम को जांच : प्रकरण की जांच सीओ क्राइम पंकज सिंह कर रहे हैं। बताया जाता है कि जगतपाल वर्मा की सही जन्मतिथि 1959 है, लेकिन भर्ती के समय ही तैयार किए दस्तावेजों व चरित्र पत्रिका में 1962 दर्ज कर दिया गया। सही तिथि के अनुसार 2019 में सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए, जबकि चरित्र पत्रिका में दर्ज जन्मतिथि के आधार पर उनको वर्ष 2022 में सेवानिवृत्त होना है। फिलहाल एसपी के आदेश पर उन्हें पुलिस लाइंस से रवाना कर दिया गया है, लेकिन रवानगी कहां के लिए हुई है इसका जानकारी नहीं दी गई है।
जांच से तय होगी कार्रवाई : इतनी बड़ी चूक किस स्तर पर हुई इसका पता लगाने के लिए जांच अधिकारी को जगतपाल के भर्ती के समय के दस्तावेज खंगालने होंगे। इसमें कई लोगों के कार्रवाई की जद में आने की आशंका है। जांच अधिकारी ने बताया कि काफी पुराना मामला है। जांच चल रही है, लेकिन वेतन रिकवरी के आदेश हो गए हैं।