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कागजों में बंद सहारा की हाइटेक टाउनशिप पर खतरा

12 साल से अर्जन प्रक्रिया पूरी न करने पर छिन सकता है सहारा की हाइटेक टाउनिशप का लाइसेंस, एलडीए ने हाल ही में भेजा सहारा इंडिया रीयल इस्टेट को नोटिस, जवाब से संतुष्ट नहीं प्राधिकरण, होली के बाद टाउनशिप को लेकर प्राधिकरण करेगा बड़ी कार्रवाई

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Mar 2018 01:58 PM (IST)Updated: Sat, 03 Mar 2018 01:58 PM (IST)
कागजों में बंद सहारा की हाइटेक टाउनशिप पर खतरा
कागजों में बंद सहारा की हाइटेक टाउनशिप पर खतरा

लखनऊ (ऋषि मिश्र)। सुल्तानपुर रोड के पास सहारा इंडिया को हाइटेक टाउनशिप विकसित करने के लिए करीब 11 साल पहले मिला लाइसेंस वापस लेने की तैयारी की जा रही है। ये टाउनशिप अब तक कागजों में ही है। कंपनी ने करीब 2000 एकड़ जमीन की हाइटेक टाउनशिप का लाइसेंस लिया मगर पिछले 11 साल में केवल 138 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है। इस वजह से बची हुई जमीन पर अवैध बस्तियों का विकास होता जा रहा है। एलडीए ने हाल ही में सहारा इंडिया हाउसिंग को एक नोटिस भेजा है, जिसमें उनसे पूछा गया कि अर्जन का काम पूरा क्यों नहीं किया जा रहा है। क्यों न लाइसेंस निरस्त कर दिया जाए। जिसका जवाब भी सहारा की ओर से एलडीए को दिया गया है। प्राधिकरण अब होली के बाद सहारा की हाइटेक टाउनशिप को लेकर आरपार का फैसला करने की तैयारी कर रहा है।

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शासन ने हाइटेक टाउनशिप नीति 2005 के तहत सहारा को सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के उत्तर दिशा में बसे गाँवों बक्कास, मदरमऊकला, मस्तेमऊ, चौरसिया, चारैया, मलूकपुर, ढकवा एवं दुलारमऊ की करीब 2000 एकड़ जमीन को विकसित करने के लिए 2007 में लाइसेंस दिया गया था।

किसान किसी को नहीं बेच सकते जमीन, सहारा खरीद नहीं रहा

सपा सरकार के समय में 2007 के करीब कंपनी को लाइसेंस मिला, मगर बसपा सरकार के समय में पांच साल कंपनी इस काम को आगे नहीं बढ़ा सकी। 2012 में दोबारा सपा सरकार आने पर 25 मार्च 15 को शासन स्तर से अनुमोदन प्राप्त कर सहारा इंडिया कमर्शियल कारपोरेशन लिमिटेड एवं लखनऊ विकास प्राधिकरण के मध्य दिनाक दो अगस्त 2016 को दोनों संस्थाओं के मध्य लखनऊ, सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को विकसित करने के लिए समझौता हुआ था। इन गांवों के किसानों की जमीन विकास करने के लिए क्रय करने का लाइसेंस हाइटेक सहारा टाउनशिप को दिया गया था लेकिन आज तक कंपनी के द्वारा भूमि क्रय केवल 138 एकड़ जमीन का ही किया गया। शासन की ओर से किसानों की जमीन एक ही कंपनी को क्रय के लिए दिशा निर्देश के चलते किसान अपनी जमीन किसी अन्य से बेच भी नहीं सकता ना ही उसमें कोई निर्माण कार्य करा सकता है जिससे किसानों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई किसान तो ऐसे हैं जो जमीन बेचकर अपनी बेटी का विवाह करने के लिए बैठे हैं परंतु उनकी जमीन सहारा हाइटेक टाउनशिप के द्वारा क्त्रय नहीं की जा रही है जिसके लिए वह शासन प्रशासन के चक्कर लगा लगा कर थक गए हैं। किसान नेताओं ने इस संबंध में किसानों की समस्याओं को एलडीए वीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, प्रमुख सचिव, जिला अधिकारी आदि को अवगत करा कर 15 दिनों में समस्याओं के समाधान की मांग किसान कर रहे हैं।

एलडीए ने भेजा नोटिस, सहारा ने दिया जवाब

एलडीए के अधिशासी अभियंता राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि इस संबंध में कंपनी को नोटिस भेजा गया। उनसे टाउनशिप को लेकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। ऐसा न करने की दशा में लाइसेंस वापस लेने की शर्त से भी अवगत कराया गया है। उनका जवाब मिला है, जिसका परीक्षण किया जाना है। होली के बाद इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।

वर्जन

सहारा की हाइटेक टाउनशिप का लाइसेंस वापस लिया जा सकता है, इस संबंध में कंपनी को पत्र लिखा गया है। जल्द ही फैसला किया जाएगा।

प्रभु एन सिंह, उपाध्यक्ष, लविप्रा


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