किस्तों में बिजली बिल जमा कर सकेंगे ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता व किसान
ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता केवल 10 फीसद और किसान 20 फीसद रकम देकर बाकी रकम छह मासिक किस्तों में अदा कर सकेंगे। अब तक 40 फीसद रकम जमा करने के बाद चार किस्तों की ही सहूलियत मिलती थी।
लखनऊ (जेएनएन)। ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ता व किसानों को बिजली बिल के भुगतान में बड़ी राहत देने के पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव पर उप्र विद्युत नियामक आयोग ने मुहर लगा दी है। इसके तहत बकाये पर ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता केवल 10 फीसद और किसान 20 फीसद रकम देकर बाकी रकम छह मासिक किस्तों में अदा कर सकेंगे। अब तक 40 फीसद रकम जमा करने के बाद चार किस्तों की ही सहूलियत मिलती थी।
ग्रामीण उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रस्ताव पावर कारपोरेशन ने बीती तीन मार्च को आयोग को भेजा था। सोमवार को आयोग अध्यक्ष एसके अग्रवाल की अध्यक्षता में सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक में इस प्रस्ताव पर कानून बनाकर ग्रामीणों को हमेशा के लिए यह सुविधा देने पर निर्णय ले लिया गया। पैनल में शामिल सभी सदस्यों की पूर्ण सहमति के आधार पर विद्युत वितरण संहिता-2005 में होने वाले संशोधन में अब एक नया क्लॉज जोड़ दिया गया है। इसके तहत कोई भी घरेलू ग्रामीण उपभोक्ता यदि अपने वर्तमान बिल के साथ बकाये की 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करता है तो उसे छह मासिक किस्तों में बकाया भुगतान का अधिकार प्राप्त होगा।
इसी तरह एलएमवी-5 की श्रेणी में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र के किसान यदि अपने वर्तमान बिल के साथ 20 फीसद बकाया जमा करेंगे तो उन्हें भी छह मासिक किस्तों का अधिकार होगा। पैनल के मुताबिक जल्द ही इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी। बैठक में पैनल के सदस्य व उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आयोग की अनुमति से पहले ही सभी कंपनियों को इस बाबत आदेश जारी किए जाने पर सवाल उठाया और इसे विद्युत वितरण संहिता का उल्लंघन ठहराया। आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए अपनी कार्यवाही में शामिल कर लिया। बैठक में मध्यांचल निगम के प्रबंध निदेशक एपी सिंह, पावर कारपोरेशन के निदेशक वितरण विजय कुमार, नियामक आयोग के सचिव संजय श्रीवास्तव व नियामक आयोग के निदेशक वितरण विकास चंद्र अग्रवाल भी मौजूद थे।