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यूपी के सरकारी कर्मचार‍ियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति के लिए रोस्टर लागू, इस आधार पर लागू का होगा न‍ियम

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से सभी विभागों को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि कार्मिकों को चिन्हित करते समय घर से दूरी और दफ्तर आने में इस्तेमाल किये जाने वाले स्वयं के साधनों का भी ध्यान रखा जाएगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 11:49 AM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 11:49 AM (IST)
यूपी के सरकारी कर्मचार‍ियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति के लिए रोस्टर लागू, इस आधार पर लागू का होगा न‍ियम
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से सभी विभागों को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया गया है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन ने सभी सरकारी कार्यालयों में समूह 'ख', 'ग' और 'घ' के स्वीकृत पदों के सापेक्ष 50 प्रतिशत कार्मिकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने और शेष 50 प्रतिशत को घर से काम करने के लिए रोस्टर प्रणाली लागू करने का निर्देश दिया है। समूह 'ख', 'ग' व 'घ' के कार्मिकों का रोस्टर इस तरह बनाने के लिए कहा गया है ताकि 50 प्रतिशत कार्मिक एक सप्ताह और शेष 50 प्रतिशत अगले हफ्ते कार्यालय आएं।

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मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से गुरुवार को सभी विभागों को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि कार्मिकों को चिन्हित करते समय घर से दूरी और दफ्तर आने में इस्तेमाल किये जाने वाले स्वयं के साधनों का भी ध्यान रखा जाएगा। घर से काम करने की अवधि में कार्मिक अपने मोबाइल फोन और इलेक्ट्रानिक साधनों के जरिये कार्यालय से संपर्क में रहेंगे और जरूरत पडऩे पर उन्हें कार्यालय बुलाया जा सकेगा। यह दिशानिर्देश उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे, जो ऐसी आकस्मिक व आवश्यक सेवाओं से जुड़े है और जो कोविड-19 की रोकथाम में सीधी भूमिका निभा रहे हैं।

प‍िछले द‍िनों बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि हर जगह पर आवश्यकतानुसार वर्क फ्राम होम संस्कृति को प्रोत्साहित किया जाए। निजी क्षेत्र के कार्यालयों में सेवारत कोई कर्मचारी यदि कोविड पॉजिटिव होता है तो उसे भी न्यूनतम सात दिनों का वेतन सहित अवकाश अनुमन्य कराया जाए। सभी कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य रूप से हो। बिना स्क्रीनिंग किसी को प्रवेश न दें। इसके साथ सरकारी/निजी क्षेत्र के सभी अस्पतालों में ओपीडी मरीजों के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट को प्रोत्साहित किया जाए। विशेष परिस्थिति में ही लोग मरीज अस्पताल आएं। मरीजों के लिए टेलिकन्सल्टेशन की सुविधा का विकल्प दिया जाना चाहिए।


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