Revised budget 2019-20 : नगर निगम सदन में हंगामा, कार्यसमिति उपाध्यक्ष का भाषण पत्र सपाइयों ने छीनकर फाड़ा
Revised budget 2019-20 नगर निगम सदन में आज पुनरीक्षित बजट 2019-20 को मंजूरी के लिए पेश किया जाना है। नगर निगम सदन में हंगामें के बीच महापौर वापस लौट गईं।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी लखनऊ में बुधवार को नगर निगम सदन शुरू होते ही जोरदार हंगामा हुआ। कार्यसमिति उपाध्यक्ष का भाषण पत्र सपाइयों ने छीनकर फाड़ दिया। जिससे नाराज होकर लखनऊ महापौर संयुक्ता भाटिया सदन छोड़कर वापस चली गईं। जिसके चलते सदन की कार्रवाई कुछ देर के लिये स्थगित हो गई। बता दें, आज के सदन में पुनरीक्षित बजट 2019-20 को मंजूरी के लिए पेश किया जाना है। सपा पार्षद सदन के बाहर प्रदर्शन करने के साथ ही काला झंडा दिखाने की तैयारी में है। सपा पार्षद विकास कार्य ठप होने से नाराज हैं। पार्षदों का कहना है कि वार्ड विकास निधि को बढ़ाकर डेढ़ करोड़ किया जाए।
सदन शुरू होते ही हंगामा, नाराज महापौर ने स्थगित किया सदन
नगर निगम सदन 11:30 बजे शुरू होना था, लेकिन कोरम पूरा होने में आधा घंटा लग गया। करीब 12:05 बजे कोरम पूरा होने के बाद सदन शुरू हुआ। राष्ट्रगान होने के बाद कांग्रेस पार्षद गिरीश मिश्र ने बजट पर चर्चा से पहले सामान्य चर्चा की मांग की गई। इस बीच विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। कार्यसमिति उपाध्यक्ष रजनीश गुप्ता ने बजट भाषण पढ़ना शुरू किया तो सपा और कांग्रेस पार्षदों ने बजट भाषण पत्र को छीनकर फाड़ दिया। इस हरकत से नाराज महापौर संयुक्ता भाटिया ने कुछ समय के लिये सदन स्थगित कर दिया।
सुरक्षा के इंतजाम
संभावित हंगामे को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने भी सुरक्षा के इंतजाम किए। सपा पार्षद दल के उप नेता राजकुमार सिंह राजा के अलावा मोहम्मद सलीम, ताराचंद्र रावत का कहना है कि बजट संतोषजनक नहीं है। विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। पार्षदों को जनता के सवालों का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस पार्षद दल की नेता ममता चौधरी का कहना है कि बजट संतोषजनक नहीं है। कांग्रेस पार्षद बजट का विरोध करेंगे। सदन में जवाब मांगा जाएगा कि भवन कर में एकमुश्त योजना से जमा हुई रकम कहां गई? जबकि देनदारी बढ़ती जा रही है।
कार्यकारिणी समिति के निर्णय पर होगी चर्चा
पांच दिसंबर को कार्यकारिणी समिति से पास किए गए बजट में आंशिक संशोधन किया गया है। कांजी हाउस के बजट में डेढ़ करोड़ की वृद्धि की गई है। हालांकि पिछली बार कई मदों में कटौती होने से कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उद्यान विभाग में तो मालियों व कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा था।