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राज्यपाल ने दी मंजूरी, रिटायर्ड आइएएस डॉ. प्रभात UPPSC के अध्यक्ष पद पर होंगे तैनात

राज्यपाल राम नाईक ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अध्यक्ष पद के लिए डॉ. प्रभात कुमार के नाम को मंजूरी दे दी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 09:06 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 08:17 AM (IST)
राज्यपाल ने दी मंजूरी, रिटायर्ड आइएएस डॉ. प्रभात UPPSC के अध्यक्ष पद पर होंगे तैनात
राज्यपाल ने दी मंजूरी, रिटायर्ड आइएएस डॉ. प्रभात UPPSC के अध्यक्ष पद पर होंगे तैनात

लखनऊ, जेएनएन। राज्यपाल राम नाईक ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अध्यक्ष पद के लिए डॉ. प्रभात कुमार के नाम को मंजूरी दे दी। 1985 बैच के सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी डॉ. प्रभात के अलावा आयोग में सदस्य (शासकीय सेवा) के लिए प्रेम कुमार सिंह का नाम अनुमोदित किया है। नियुक्ति व कार्मिक विभाग से इनका आदेश जल्द जारी हो जाएगा।

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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में डॉ. प्रभात कुमार को अध्यक्ष और प्रेम कुमार सिंह को सदस्य (शासकीय सेवा) बनाये जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत दिवस राज्यपाल को प्रस्ताव भेजा था। मुंबई में एक समारोह में शामिल होने गये राज्यपाल राम नाईक गुरुवार की रात को लौटे। शुक्रवार को उन्होंने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

राज्यपाल की मुहर लगने के बाद डॉ. प्रभात कुमार के आयोग का अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो गया। अब आदेश जारी करने की औपचारिकता रह गई है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह का कार्यकाल एक जुलाई तक है। अनिरुद्ध सिंह के कार्यकाल समाप्त होते ही डॉ. प्रभात कुमार कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति व कार्मिक मुकुल सिंहल शहर से बाहर गये हैं। कार्मिक विभाग को ही अब नियुक्ति संबंधी आदेश जारी करना है।

फिर उम्मीदों के हिंडोले पर प्रतियोगी छात्र

भर्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर सालों से सुर्खियों में रहने वाले उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) के नए अध्यक्ष प्रभात कुमार बन रहे हैं। प्रभात के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की आहट से जहां भर्तियों में भ्रष्टाचार खत्म होने को लेकर प्रतियोगी छात्रों की उम्मीदें बढ़ गई हैैं, कि आगे की परीक्षाएं बिना धांधली के शुचिता से होंगी। वहीं कई अधिकारी सकते में आ गए हैं। वह आयोग से स्थानांतरण कराने के साथ अनुभाग बदलवाने का जुगाड़ भिड़ा रहे हैं।

कई परीक्षाएं विवादों में रही 

यूपीपीएससी द्वारा एक अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 के बीच कराई गई कई परीक्षाएं विवादों में रही हैं। नंबरों में हेर-फेर, कापियां बदलने, पेपर लीक जैसी घटनाएं सुर्खियों में रही हैं। सीबीआइ कई परीक्षाओं की जांच में जुटी है। आयोग के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. अनिरुद्ध सिंह यादव सीबीआइ जांच रुकवाने के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुके हैं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। शासन प्रभात कुमार को आयोग का अध्यक्ष बनाने जा रहा है। इसकी घोषणा होते ही आयोग के अंदर व बाहर की रंगत बदलने लगी है।

डॉ. प्रभात के यूपीपीएससी अध्यक्ष बनने पर व्यक्त की खुशी

प्रतियोगी छात्र सोशल मीडिया में संदेशों का आदान-प्रदान करके प्रभात कुमार के आयोग के अध्यक्ष बनने पर खुशी जता रहे हैं। हर कोई उनकी ईमानदार छवि की कसीदे पढ़ रहा है। प्रतियोगी छात्रों को उम्मीद है कि डॉ. कुमार आयोग की परीक्षाओं व परिणामों से धांधली खत्म करके उसमें पारदर्शिता लाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। वहीं, कुछ अधिकारी स्थानांतरण की तैयारी करने में जुट गए हैं। वह किसी पचड़े में फंसने के बजाय खुद को अलग करना चाहते हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय कहते हैं कि सालों बाद आयोग को ईमानदार अध्यक्ष मिला है। इससे हर छात्र का मन प्रसन्न है, उनमें आगे बढऩे की विश्वास जागा है।

यह परीक्षाएं हैं विवादित

यूपीपीएससी की कुछ परीक्षाएं विवादों में रही हैं। इसमें पीसीएस की 2010 से 2016 तक, अवर अधीनस्थ सेवा सामान्य चयन की 2006, 08, 09, 13 व 14 तक, पीसीएस-जे 2011 व 13, सहायक अभियोजन अधिकारी 2010 से 16 तक, कृषि तकनीकी सहायक ग्रेड थ्री 2013, एपीएस 2010, एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 सहित कई परीक्षाएं विवादों में हैं।


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