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रिजर्व बैंक गवर्नर की उच्च ऋण और बेकार डिग्रियों से दूर रहने की सलाह

विद्यार्थी बेकार की डिग्रियों के चक्कर में न पड़ें, साथ ही उच्च ऋण से भी दूर रहें। यह सिर्फ आपको कर्ज में डूबो देंगे। बेईमान स्कूलों के झांसे में कतई नहीं आएं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 07 May 2016 09:01 PM (IST)Updated: Sat, 07 May 2016 09:06 PM (IST)

लखनऊ। विद्यार्थी बेकार की डिग्रियों के चक्कर में न पड़ें, साथ ही उच्च ऋण से भी दूर रहें। यह सिर्फ आपको कर्ज में डूबो देंगे। बेईमान स्कूलों के झांसे में कतई नहीं आएं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने यह बात कहीं। मुख्य अतिथि ग्रेटर नोएडा के शिवनाडर विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जो छात्र कर्ज भुगतान करने में सक्षम हैं वे तो पूरी रकम जमा करें, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के आंशिक कर्ज को माफ किया जाना चाहिए। अनुसंधान से जुड़े विश्वविद्यालयों में आम कॉलेजों के मुकाबले पढ़ाई अधिक महंगी है। शिक्षा को सुलभ बनाने की जरूरत है। जब तक हम शिक्षक एवं तकनीक का एक साथ उपयोग करना नहीं सीख लेते, तब तक बेहतर अनुसंधान विश्वविद्यालयों में शिक्षा महंगी रहेगी। उन्होंने छात्रवृति एवं अन्य माध्यमों से छूट लेकर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को कहा कि वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद दूसरे छात्रों की मदद करें।

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विशिष्ट अतिथि आइबीएम इंडिया की प्रबंध निदेशक वनिता नारायणन ने भी अपने विचार रखे। विवि के चांसलर डॉ एसएन बालाकृष्णन ने कहा कि एक युवा संस्थान के लिए यह गर्व का क्षण है। विवि ने शोध के क्षेत्र में करीब दो सौ करोड़ रुपये का निवेश किया है। स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठयक्रम में सफलता हासिल करने वाले 287 छात्रों को डिग्रियां बांटी गई। वर्ष 2016 बैच के कई छात्रों को दुनिया के कुछ अग्रणी विश्वविद्यालयों में अध्ययन के लिए चुना गया है। विश्वविद्यालय ने एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख को वित्तीय सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी


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