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UP: विश्वविद्यालय व एडेड कॉलेज को इकाई मानकर लागू होगा आरक्षण, अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी

उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों और एडेड डिग्री कॉलेजों को अब इकाई मानकर शिक्षकों के पदों भर्ती में पर आरक्षण लागू किया जाएगा। वहीं राजकीय डिग्री कॉलेजों में इसे सभी संस्थाओं को मिलाकर एक इकाई मानकर आरक्षण लागू होगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 10:26 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 10:26 PM (IST)
UP: विश्वविद्यालय व एडेड कॉलेज को इकाई मानकर लागू होगा आरक्षण, अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी
राज्य विश्वविद्यालयों और एडेड डिग्री कॉलेजों को अब इकाई मानकर शिक्षकों के पदों पर भर्ती में आरक्षण लागू किया जाएगा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों और एडेड डिग्री कॉलेजों को अब इकाई मानकर शिक्षकों के पदों पर भर्ती में आरक्षण लागू किया जाएगा। वहीं राजकीय डिग्री कॉलेजों में इसे सभी संस्थाओं को मिलाकर एक इकाई मानकर आरक्षण लागू होगा। अभी तक विभाग स्तर पर शिक्षक के खाली पदों पर आरक्षण लागू होने पर पांच से कम पद होने पर एससी कैटेगरी के अभ्यर्थियों के लिए सीट नहीं आरक्षित हो पा रही थी और उन्हें नुकसान हो रहा था। अब ऐसा नहीं होगा।

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केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षण व्यवस्था में किए गए बदलाव की तर्ज पर प्रदेश में भी इसे लागू किया जा रहा है। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के लोगों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में उप्र शैक्षिक संस्थान (शैक्षिक संवर्ग में आरक्षण) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी गई। अब राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह लागू हो जाएगा।

वहीं विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में इसके विधेयक को पेशकर इसे मंजूरी दिलाई जाएगी। फिलहाल अब विश्वविद्यालय व एडेड कॉलेज में विभिन्न विभागों में शिक्षकों के जितने पद होंगे उन्हें मिलाकर संस्था स्तर पर कुल पदों पर एक साथ आरक्षण लागू किया जाएगा। फिलहाल यह बदलाव अल्पसंख्यक संस्थाओं, उत्कृष्ट संस्थाओं, अनुसंधान संस्थाओं और राष्ट्रीय व सामरिक महत्व की संस्थाओं में लागू नहीं होगा।

उधर राज्य विश्वविद्यालय सहारनपुर को राजकीय महाविद्यालय पुंवारका की 5.91 एकड़ जमीन, भवन एवं परिसम्पत्तियां देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब इस कॉलेज के शिक्षकों को दूसरे कॉलेज में स्थानांतरित किया जाएगा। वर्तमान में विभिन्न कोर्सेज में पढ़ रहे विद्यार्थी पूर्व की तरह की अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे और उन्हें चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ की ही डिग्री दी जाएगी। नए शैक्षिक सत्र 2021-22 से इस कॉलेज में नए दाखिले नहीं लिए जाएंगे।


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