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याद आया लखनऊ का प्रत्यूष हत्याकांड, फिर मददगार बनी सीसी फुटेज, जेल जाने से बचे बेगुनाह

मोहनलालगंज सांसद कौशल किशोर के बेटे द्वारा परिचितों को फंसाने के लिए खुद पर हमला कराने की घटना ने महानगर में हुई प्रत्यूष मणि हत्याकांड की याद ताजा कर दी। प्रत्यूष ने भी विरोधियों को फंसाने के लिए अपने साथियों से खुद पर चाकू से हमला कराया था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 06:30 AM (IST)
सांसद के बेटे का साला असलहा छिपाते कैमरे में हो गया था कैद।

लखनऊ, जेएनएन। मोहनलालगंज सांसद कौशल किशोर के बेटे ने लेनदेन के विवाद में पूर्व परिचितों को फंसाने के लिए खुद पर हमला कराया। हालांकि उसकी योजना सफल नहीं हुई। एक बार फिर सीसी फुटेज ने बेगुनाहों को जेल जाने से बचा लिया। फुटेज में सांसद पुत्र आयुष का साला आदर्श गोली मारने के बाद असलहे को छिपाते हुए देखा गया है। पुलिस ने आदर्श को फुटेज दिखाई थी, जिसके बाद उसने सारी कहानी बताई।

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इस घटना ने दिसंबर 2018 में महानगर में हुई प्रत्यूष मणि हत्याकांड की याद ताजा कर दी। प्रत्यूष ने भी विरोधियों को फंसाने के लिए अपने साथियों से खुद पर चाकू से हमला कराया था। इस दौरान गंभीर चोट लगने से उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में प्रत्यूष के साथियों ने जमकर हंगामा किया था और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की थी। पुलिस ने जिन लोगों पर आरोप लगाए गए थे, उन्हें पुराने मामले में जेल भेज दिया गया था। इसके बाद छानबीन की तो सीसी फुटेज में प्रत्यूष के साथ चाकू खरीदते नजर आए थे। पड़ताल के दौरान पुलिस ने प्रत्यूष के साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। यही नहीं, नाका के व्यवसायी करन गुप्ता ने भी देनदारी से बचने के लिए खुद पर गोली चलवाने की साजिश रची थी। तब तत्कालीन एसएसपी दीपक कुमार ने वारदात का राजफाश किया था। इस घटना में करन की मौत हो गई थी।

आरोपित ने कहा, इन्हें फंसाना था

पूछताछ में आयुष के साले आदर्श ने पुलिस को चार नाम बताए। आदर्श ने कहा कि आयुष ने अपने विरोधी मनीष जायसवाल, चंदन गुप्ता, प्रदीप और एक अन्य को फंसाने की साजिश रची थी। हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई के कारण मामले का राजफाश हो गया और बेगुनाह जेल जाने से बच गए।

आयुष ने नहीं लिया किसी का नाम : कौशल किशोर

इस मामले में जब दैनिक जागरण ने सांसद कौशल किशोर से बात की तो उन्होंने कहा कि जानकारी मिलने पर वह ट्रामा सेंटर गए थे। अस्पताल में बेटे ने उनसे कहा कि किन लोगों ने उसपर हमला कराया है, उसे जानकारी नहीं है। पुलिस के सामने भी आयुष ने किसी का नाम नहीं लिया था। अगर आयुष का साला इस बारे में बयान दे रहा है तो वह बेहतर जानता होगा, क्योंकि आयुष ने किसी का भी नाम नहीं लिया है। अगर उसे किसी को फंसाना होता तो वह उनका नाम लेता। यह जांच का विषय है। पुलिस इसकी पड़ताल करेगी।  


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