Lucknow: सद्भावना संसद में शामिल हुए सभी धर्मों के धर्मगुरु व बुद्धिजीवी, इन बातों पर बनी सहमति
Sadbhavna Sansad in Lucknow उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जमीयत सद्भावना मंच की ओर से प्रेस क्लब में सद्भावना संसद का आयोजन किया गया। इसमें लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने कहा तहजीब के शहर में सद्भावना संसद धार्मिक एकता का पैगाम देगा।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। Sadbhavna Sansad जमीयत सद्भावना मंच की लखनऊ इकाई की ओर से बुधवार को प्रेस क्लब में आयोजित सद्भावना संसद में शामिल हुए लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने कहा तहजीब के शहर में सद्भावना संसद धार्मिक एकता का पैगाम देगा। यहां की गंगा जमुनी तहजीब पूरी दुनिया में एक मिसाल के रूप में कायम है। हम जाति धर्म और मजहब से दूर देश के विकास और तरक्की की बात करें तो यह एकता सदियों तक बरकरार रहेगी। शिक्षा के क्षेत्र में सभी धर्म के लोगों को कट्टरता छोड़कर आगे बढ़ना होगा।
देश की उन्नति के लिए हो कार्य
अयोध्या के श्री जानकी मंदिर के महंत जन्मेजय महाराज में कहा कि संसद के बहाने धार्मिक एकता बनाये रखने का यह प्रयास सराहनीय है। समय आ गया हैं कि हम धार्मिक कट्टरता के बजाय देश की उन्नति के लिए कार्य करें। भंते ज्ञानालोक ने कहा कि देश सभी का है। ऐसे में हम सब को मिलकर देश को आगे ले जाने का कार्य करना चाहिए। पास्टर जार्ज मारिस के अलावा कई बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया।
जमीयत के अध्यक्ष सैयद मुहम्मद बजीन के बताया कि एकता और भाई चारे के लिए संसद जरूरी है। महासचिव डा. अब्दुल कुद्दूस हाशमी ने बताया की संसद में इन मुद्दों पर चर्चा की गई और आम सहमति बनाने का सफल प्रयास किया गया।
इन बातों पर हुई चर्चा
- देश, जनता और समाज की सेवा, सुरक्षा विकास कार्यों के लिए सदैव हम सबक तत्पर रहना ।
- राजनीति और धर्म के मामले में टकराव की स्थिति से बचना ।
- किसी भी धर्म के अनुयाई या राजनीतिक दल के मतदाता हो लेकिन देश में सद्भावना को मजबूत करने में एकजुट रहना।
- किसी धर्म एवं धर्मगुरुओं पर किसी भी तरह की अपमानजनक टिप्पणी, गलत
- बात या शब्दों का प्रयोग नहीं करना।
- कहीं पर भी साम्प्रदायिकता, भेदभाव या किसी गलतफहमी के कारण लड़ाई-झगड़े का माहौल बन जाता है तो हम सब विशेषकर क्षेत्र की साझा कमेटी आपस में मिल-बैठ कर मामले का समाधान कराने की कोशिश करना ।
- गरीब और परेशान लोगों की मदद खुले दिल से करना चाहे पीड़ित किसी भी धर्म का व्यक्ति क्यों न हो।
- सद्भावना के कार्यक्रम सभी जगह, सभी धर्मो के लोगों द्वारा आपस में संयुक्त रूप से आयोजित करना।
- जिले और शहरों के चौराहों पर सद्भावना कैंप एवं नुक्कड़ सभा का आयोजन करना।
- जगह-जगह सद्भावना यात्रा का आयोजन करना।
- मानवता का संदेश (पैगाम-ए-इंसानियत ) देना और उसकी भावना को लोगों में मज़बूत करना तथा उस पर जागरूकता अभियान चलाना ।