Move to Jagran APP

Lucknow Development Authority: LDA के आवंटी की सालों बाद रजिस्ट्री हुई, अब कब्जे के लिए लड़ाई

Lucknow Development Authority लखनऊ विकास प्राधिकरण से मुकेश शर्मा को वर्ष 2004 में कैप्वेल रोड स्थित आजाद नगर कालोनी में भूखंड आवंटित हुआ था। पैसा जमा होने के बाद आवंटन पत्र दिखाते हुए रजिस्ट्री का आग्रह किया लेकिन रजिस्ट्री नहीं हुई। अब कब्जे के लिए संघर्ष करना पड़ा रहा है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 10:29 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 10:29 AM (IST)
लखनऊ विकास प्राधिकरण से वर्ष 2004 में आवंटित प्लाट की सालों बाद अब रजिस्ट्री हुई।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण लविप्रा से मुकेश शर्मा को वर्ष 2004 में कैप्वेल रोड स्थित आजाद नगर कालोनी में भूखंड आवंटित हुआ था। उस वर्ष मुकेश ने अपना पैसा जमा कर दिया। पैसा जमा होने के बाद आवंटन पत्र दिखाते हुए लविप्रा से रजिस्ट्री करने का आग्रह किया, लेकिन रजिस्ट्री नहीं हुई। इस दौरान उन्होंने मकान बनवाना शुरू किया, लेकिन सोसाइटी की जमीन बताते हुए दूसरे पक्ष ने कब्जा कर लिया। वहीं लविप्रा के तत्कालीन अफसरों व बाबुओं की ढिलाई से रजिस्ट्री नहीं हो सकी।

loksabha election banner

मुकेश को न्यायालय की शरण में जाना पड़ा तो रजिस्ट्री हुई, क्योंकि योजना लविप्रा की थी। अब कब्जा दूसरे पक्ष का है और योजना लविप्रा की। ऐसे में सत्रह साल से अपने मकान को पाने के लिए बुजुर्ग मुकेश प्राधिकरण के चक्कर लगाने को विवश है। सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पीड़ित मुकेश ने बताया कि आजाद नगर के सेक्टर बी में भूखंड संख्या 153 ए आवंटित हुआ था। जीवन भर की कमाई लगाने के बाद एक छत का आसरा था, लेकिन वर्ष 2004 से वर्ष 2021 तक उसे पा नहीं सका। उन्होंने बताया कि वर्तमान के प्राधिकरण अफसर केस में रुचि ले रहे हैं, उम्मीद है कि जल्द खाली हो जाएगा।

वहीं, तत्कालीन संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने स्थलीय निरीक्षण कराया था, मौके पर जाकर संबंधित कर्मचारी ने निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों के बयान लिए तो भूखंड मुकेश का निकला। इसकी रिपोर्ट भी रजिसट्री व अन्य दस्तावेजों के साथ सलंग्न है। मुकेश ने प्राधिकरण के अफसरों को बताया कि मकान गलत तरीके से दबंग दो से तीन लोगों को बेचा भी चुके हैं। लंबे समय से खाली पड़े मकान में अब एक परिवार रहने भी आ गया है। उन्होंने सवाल खड़े किए हैं कि आखिर वह भूखंड जिसे प्राधिकरण ने उन्हें आवंटित किया था और आज तक कब्जा नहीं दिलवा सका, इसमें आवंटी की गलती है क्या ?


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.