15 साल पुराने वाहनों का दोबारा करा लें पंजीयन, नहीं तो किए जा सकते हैं निरुद्ध
खुद होंगे वाहन स्वामी जिम्मेदार। कर के साथ देना होगा जुर्माना। एक माह के भीतर करानी होगी प्रक्रिया। राजधानी में ऐसे वाहनों की संख्या पौने तीन लाख।
लखनऊ, जेएनएन। 15 साल पुराने बूढ़े हो चुके वाहन जिनका पुर्न पंजीयन नहीं हो सका है वे रजिस्ट्रेशन तत्काल करा लें। वर्ना तीस दिन बाद उनके वाहनों का पंजीयन निलंबित कर दिया जाएगा। यही नहीं सड़क पर चलते पाए जाने पर वाहन को थाने में खड़ा करा दिया जाएगा। साथ ही टैक्स के अतिरिक्त करीब चार हजार का जुर्माना भी वाहनस्वामी को देना पड़ेगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी वाहनस्वामी की होगी। अगर कबाड़ में वाहन बेच दिया गया है तो भी वाहन स्वामी को आरटीओ में साक्ष्य दे पंजीयन निरस्त कराना अनिवार्य होगा।
इससे पूर्व भी सार्वजनिक सूचना दी जा चुकी है। बीते ग्यारह सितंबर को इस आशय की सार्वजनिक सूचना दी जा चुकी है। इसके बावजूद काफी संख्या में वाहन मालिकों ने अपने वाहनों का पुर्नपंजीयन नहीं कराया है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन के मुताबिक ये वे वाहन हैं जो यूपी 32-बीबी 1000 सीरीज से पहले की हैं। आरटीओ में पंजीकृत ऐसे वाहनों की संख्या करीब पौने तीन लाख है। इनमें लगभग पचास हजार के चौपहिया और दोपहिया वाहन हैं जो बिना टैक्स और पुर्नपंजीयन कराए दौड़ रही हैं।
धारा-53 में रजिस्ट्रेशन निलंबन की कार्रवाई होगी
एआरटीओ राघवेंद्र सिंह के मुताबिक केंद्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा-53 के तहत सार्वजनिक सूचना के 30 दिन के बाद वाहन का रजिस्ट्रेशन निलंबन हो जाता है। छह माह तक निलंबन की अवधि पूरी होने पर वाहन को चलते पाए जाने पर उसे निरुद्ध किया जा सकता है। साथ ही जुर्माना का भी प्रावधान है।
अगर कटवा दी है कबाड़ में गाड़ी तो भी करा लें रजिस्ट्रेशन रद
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि जिन गाडिय़ों की समयावधि पंद्रह साल पूरी हो चुकी है और वे चलने योग्य नहीं रह गए हैं। ऐसे में वाहनस्वामी द्वारा गाड़ी को कबाड़ में बेच दिया गया है। तो कबाड़ी की रसीद या वाहन के उपयुक्त कागजातों के साथ अपनी बात आरटीओ के समक्ष रख कर आवेदन उसका निस्तारण करा सकते हैं।