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यूपी के पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश

कर्मचारियों के उत्पीडऩ के मामले में पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव के खिलाफ सीबीआइ जांच कराने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। छह हफ्ते में इसकी औपचारिकता पूरी कर आख्या मांगी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 11:33 PM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 11:40 PM (IST)
यूपी के पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश
यूपी के पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश

लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने उद्यमी अमित कुमार बनर्जी के कर्मचारियों के उत्पीडऩ के मामले में पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव के खिलाफ सीबीआइ जांच कराने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। छह हफ्ते में इसकी औपचारिकता पूरी कर आख्या मांगी है। उधर, इस मामले को पूर्व डीजीपी यादव ने इसे साजिश बताया है।

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उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति यूके धवन ने प्रमुख सचिव (गृह) देवाशीष पांडा को निर्णय की प्रति भेजकर यह निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि अमित कुमार बनर्जी लखनऊ में श्याम वनस्पति आयल कंपनी के मालिक हैं। बनर्जी ने आयोग में शिकायत की थी कि बिना किसी वजह के सरोजनीनगर पुलिस ने उनके पांच कर्मचारियों को हिरासत में रखा। इसके अलावा पुलिस ने उनकी कंपनी के मुख्य अधिशासी अधिकारी श्री मिश्रा के यहां दबिश दी। उनकी पत्नी के साथ दुव्र्यवहार किया।

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उन्होंने इसमें तत्कालीन डीजीपी जगमोहन यादव की शह होने का आरोप लगाया था। इस मामले को लेकर बनर्जी ने कई स्तरों पर शिकायत दर्ज फिर उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग में परिवाद दाखिल किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की। कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कि मानवाधिकार आयोग में सुनवाई चल रही है। वहां के निर्णय के बाद वह सुनवाई करेंगे।

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इस बीच आयोग ने जब इसकी जांच कराई तो अपर पुलिस अधीक्षक (अपराध) लखनऊ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सरोजनीनगर के थाना प्रभारी सुरेश कुमार यादव, सब इंस्पेक्टर अजय कुमार त्रिपाठी इस प्रकरण में दोषी प्रतीत होते हैं। चूंकि शिकायत में वरिष्ठ अधिकारी डीजीपी का नाम शामिल है इसलिए वह अपने सबसे वरिष्ठ अधिकारी की जांच नहीं कर सकते हैं। 

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आयोग ने महानिदेशक मानवाधिकार (एडीजी स्तर) से प्रकरण की जांच कराई तो उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के इस मामले की जांच में इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर का गड़बडिय़ों का जिक्र किया लेकिन इस पर वरिष्ठ अधिकारी पर मौन रहीं। जांच में पाया गया है कि यह मानवाधिकार हनन का गंभीर मामला है। लिहाजा प्रमुख सचिव (गृह) सचिव प्रकरण की जांच सीबीआइ से कराने का निर्णय लेकर अनुपालन आख्या दें।

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दूसरी ओर जगमोहन यादव का कहना है कि डीजीपी रहते हुए ढेरों शिकायतें आती हैं, जिस पर आदेश किया जाता है। इसके पीछे साजिश से इन्कार नहीं किया जा सकता है। बीती चार अप्रैल को यूपी के पूर्व पुलिस महानिदेशक जगमोहन यादव के खिलाफ लखनऊ में आवास-विकास की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा था। इस मामले में राजधानी के गोसाईगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। अब उसकी जांच चल रही है।

 


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