अनवरत रामलीला से रामनगरी को मिला नया मुकाम, अयोध्या शोध संस्थान में 16 वर्ष पूर्व हुई थी शुरुवात
अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी रामतीरथ के अनुसार शोध संस्थान भगवान राम से जुड़े पुरावशेष कलाकृतियों और साहित्य का संग्रहालय है। रामनगरी आने वाले श्रद्धालुओं एवं स्थानीय साधु-संतों के लिए यह आयोजन मनोहारी सौगात की तरह रहा।
अयोध्या, [रघुवरशरण]। लगातार चार हजार से अधिक शाम कोई भी सांस्कृतिक प्रस्तुति आसान नहीं होती और यदि यह रामलीला के रूप में हो तो कहना ही क्या..। रामलीला की प्रस्तुति के लिए अभिनय, संवाद, शास्त्रीयता, संगीत आदि का सम्यक संयोजन भी करना होता है। अयोध्या शोध संस्थान ने अपूर्व प्रतिबद्धता के साथ यह कीर्तिमान बनाया और अब उसकी नित्य रामलीला गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होकर रामनगरी की सांस्कृतिक गरिमा को नया मुकाम दिलाने जा रही है।
अयोध्या शोध संस्थान में नित्य रामलीला की परंपरा 19 मई 2004 को शुरू हुई थी। शोध संस्थान के लिए यह महनीय प्रकल्प था। न केवल बजट और लीला के मंचन जैसे ताम-झाम वाले कार्यक्रम का नित्य संयोजन, बल्कि मंचन के लिए कलाकारों एवं मंडलियों का प्रबंध किसी चुनौती से कम नहीं थी, पर शोध संस्थान के अधिकारियों एवं कर्मियों ने पूरी जिम्मेदारी का परिचय दिया। रामनगरी आने वाले श्रद्धालुओं एवं स्थानीय साधु-संतों के लिए यह आयोजन मनोहारी सौगात की तरह रहा।
नित्य रामलीला का सिलसिला 23 नवंबर 2015 को तब थमा, जब संस्थान के व्यवस्थापक एवं नित्य रामलीला की योजना के सूत्रधार अविनाश श्रीवास्तव का निधन हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिलचस्पी से शोध संस्थान की नित्य लीला का क्रम दूसरी बार दो मई 2017 को आगे बढ़ सका और यह सिलसिला 20 मार्च 2020 तक चला। हालांकि कोरोना संकट थमने के साथ नित्य रामलीला का सिलसिला नए सिरे से आगे बढ़ाने की तैयारी है।
शोध संस्थान को अलग मुकाम
अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी रामतीरथ के अनुसार शोध संस्थान भगवान राम से जुड़े पुरावशेष, कलाकृतियों और साहित्य का संग्रहालय है। संस्थान रामकथा और अयोध्या से संबंधित कई दर्जन शोधपूर्ण ग्रंथ प्रकाशित करा चुका है। संस्थान का पुस्तकालय-वाचनालय भी है। नित्य रामलीला से उसे अलग मुकाम मिला है।
राम राज्याभिषेक की होगी प्रस्तुति
गणतंत्र दिवस की झांकी में अयोध्या शोध संस्थान की रामलीला से जुड़े कलाकार रामराज्याभिषेक की प्रस्तुति देंगे। इसके लिए 10 से 15 कलाकारों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।