रामेश्वरम से 613 किलो का घंटा लेकर अयोध्या पहुंची 'बुलेट रानी', रामलला को किया गया भेंट
लीगल राइट् कौंसिल की महासचिव राजलक्ष्मी एवं उनके साथ की महिलाओं ने रामजन्मभूमितीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधियों को सौंपी यह भेंट। राम रथ यात्रा के रूप में विशाल घंटा लेकर 17 सितंबर को रामेश्वरम से निकला था महिलाओं का दल
अयोध्या, जेएनएन। रामजन्मभूमि पर बन रहे मंदिर के लिए 613 किलो वजनी एवं चार फीट आठ इंच ऊंचा तथा 3.9 फीट व्यास का विशाल घंटा बुधवार को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा गया। रामघाट स्थित राम मंदिर निर्माण कार्यशाला में ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय एवं ट्रस्ट के सदस्य तथा अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्रदास, डॉ. अनिल मिश्र, विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंंह पंकज, जिलाधिकारी अनजु कुमार झा ने इसे स्वीकार किया। इस मौके पर सांसद लल्लू सिंंह, महापौर रिषिकेश उपाध्याय, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, पार्षद रमेशदास, भाजपा की महानगर इकाई के महामंत्री परमानंद मिश्र आदि भी मौजूद रहे।
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए राजलक्ष्मी ने कहा, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, हर कोई अपना योगदान दे रहा है और इसी क्रम में रामलला की सेवा में यह भेंट भी अर्पित की गयी है। उन्होंने बताया कि इस घंटे से ओम की ध्वनि निकलेगी तथा कई किलोमीटर दूर तक सुनायी देगी।
रामजन्मभूमि परिसर में लगेगा यह घंटा
ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों के अनुसार मंदिर निर्माण के बाद यह घंटा रामजन्मभूमि परिसर में स्थापित किया जायेगा। मंदिर निर्माण 39 माह में पूरा होने का अनुमान है। फिलहाल यह घंटा न्यास कार्यशाला में संरक्षित किया गया है। रामेश्वरम से 4500 किलोमीटर का सफर करते हुए राम रथ यात्रा मंगलवार की शाम को ही रामनगरी पहुंच गयी थी। बुधवार को विशाल घंटा के साथ राम रथ यात्रा तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय और कारसेवकपुरम होती हुई दोपहर न्यास कार्यशाला पहुंची। राम रथयात्रा 17 सितंबर को रामेश्वरम से शुरू हुई थी।
महिला सशक्तीकरण की पर्याय
विशाल घंटा भेंट करने के साथ राजलक्ष्मी मांडा ने 4500 किलोमीटर तक रथनुमा मिनी ट्रक चला कर मिसाल कायम की। न्यास कार्यशाला पहुंचने पर उनकी ड्राइविंंग का आनंद तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय एवं वेदप्रकाश गुप्त ने भी लिया। राजलक्ष्मी महिला सशक्तीकरण की पर्याय हैं। तमिलनाडु की रहने वाली राजलक्ष्मी विश्व की ऐसी दूसरी महिला हैं, जिसने 9.5 टन वजन रस्सी से खींचने का कीर्तिमान रचा है। बहादुरी के कारनामों के चलते तमिलनाडु में उन्हें बुलेट रानी के नाम से जाना जाता है।