भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री का आगमन चाहते हैं रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य
वर्चुअल भूमि पूजन पर सहमत नहीं रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य। पीएम के आगमन से मिल सकती है नगरी को बड़ी सौगात ।
अयोध्या, (रमाशरण अवस्थी)। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ब्लू प्रिंंट क्या है, यह तो ट्रस्ट की शनिवार को प्रस्तावित बैठक में तय होगा, पर यह संकेत स्पष्ट होने लगा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भूमि पूजन कराने को लेकर सभी ट्रस्टी आम राय हैं। इसके पीछे प्रधानमंत्री के प्रति आस्था के साथ राममंदिर निर्माण के महानुष्ठान की गरिमा से न्याय की भावना भी है।
समीकरण यह है कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के फलक पर यदि राममंदिर निर्माण का आगाज बेहद अहम पड़ाव है, तो इस पड़ाव से आगे बढऩे का शंखनाद भी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अलख जगाने वाला कोई महान दूत करे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहतर दूत कोई हो नहीं सकता। कोरोना संकट के बीच मंदिर के लिए भूमि पूजन की तैयारी में यह विकल्प संभावित है कि प्रधानमंत्री दिल्ली में बैठकर राममंदिर के लिए वर्चुअल भूमि पूजन करें। सूत्रों का कहना है कि ट्रस्ट के सदस्यों को इससे संतोष नहीं मिलने वाला है और वे पूरी स्पष्टता से भूमिपूजन के लिए ट्रस्ट की तीन या पांच अगस्त की तारीख पर प्रधानमंत्री की अयोध्या में प्रत्यक्ष मौजूदगी चाहते हैं। ट्रस्ट को यह भी उम्मीद है कि राममंदिर के निर्माण की शुरुआत के साथ प्रधानमंत्री की मौजूदगी से अयोध्या को वैश्विक तीर्थनगरी के रूप में स्थापित होने में मजबूती मिलेगी।
'राममंदिर के साथ राष्ट्र मंदिर बनेगा और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी- प्रभावी नेतृत्व में संभव है। वह निर्विवाद रूप से राष्ट्र नायक हैं। प्रधानमंत्री के हाथों राममंदिर का भूमिपूजन हो, तो उससे सर्वोत्तम कुछ नहीं।' -कामेश्वर चौपाल, श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य