रामनाईक ने आतंकवाद को लेकर बजरंग दल के सशस्त्र प्रशिक्षण को उचित ठहराया
यूपी राज्यपाल राम नाईक ने अयोध्या में चल रहे बजरंग दल के प्रशिक्षण को उचित ठहराया और कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से किसी को कोई नुकसान नहीं है। स्व-रक्षण के लिए सभी तरह की शिक्षाएं जरूरी हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आतंकवाद को लेकर अयोध्या में बजरंग दल के प्रशिक्षण को उचित ठहराया। अलीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत बजरंग दल के प्रशिक्षण शिविर में हथियारों का प्रशिक्षण दिए जाने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से किसी को कोई नुकसान नहीं है। उनके अनुसार स्व-रक्षण के लिए सभी तरह की शिक्षाएं जरूरी हैं। अगर कोई खुद का रक्षण नहीं कर सकता तो वह समाज का रक्षण कैसे करेगा? ये कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। वहीं, राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर चिंता जताई और साथ ही यहा भी कहा कि मुख्यमंत्री अच्छा करने की कोशिश कर रहे हैं मगर उन्हें अभी और अच्छा करने की जरूरत है।
उत्तर भारतीयों की जमकर तारीफ
अलीगढ़ के एक कॉलेज वार्षिकोत्सव में आज राज्यपाल ने मुंबई में कई वर्षों से शिवसेना व महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के निशाने पर रहे उत्तर भारतीयों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुंबई में उत्तर भारतीय 25 से 30 फीसद हैं, मगर उन्होंने अपनी श्रम शक्ति से उसे हिंदुस्तान की आर्थिक राजधानी बना दिया। यदि यही श्रम लोग यहां लगा दें तो उत्तर प्रदेश को उत्तम बनने से कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में राज्यपाल के नाते से उन्हें दो वर्ष होने को हैं। उनसे लोग पूछते हैं कि यहां के लोग कैसे हैं? राज्यपाल ने कहा कि वह महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। वहां भी 25 से 30 फीसद उत्तर भारतीय रहते हैं, जो मछली बेचने, खोमचा लगाने व तबेलों में काम करते हैं, राजमिस्त्री आदि भी हैं। छोटे से बड़ा हर काम करते हैं, जितना वह मुंबई में काम करते हैं यदि उतना यहां काम करते तो उत्तर प्रदेश को तरक्की से कोई रोक नहीं सकता है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में गाउन पहनने व कैप उछालने पर भी एतराज जताया। कहा, यह अंग्रेजी व्यवस्था है, उसे बदलना चाहिए।
कमिश्नर-डीआइजी की क्लास
वार्षिकोत्सव में बच्चों की उपस्थिति न देख राज्यपाल मंच से ही नाराज हो गए। कार्यक्रम समाप्ति के बाद उन्होंने कमिश्नर और डीआइजी की क्लास लगा दी। पूछ लिया कि आखिर बच्चों के कार्यक्रम में बच्चों को ही क्यों रोक लिया गया? इसपर अधिकारियों को जवाब देते नहीं बना। पास में ही खड़े डीएम व एसएसपी भी बगलें झांकते दिखे।