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Lockdown update : मंदिरों की चौखट तक सिमटेगा रामजन्मोत्सव, सादगीपूर्ण समारोह की तैयारी

भीड़-भाड़ को दूर रख अपेक्षा के विपरीत रामलला का जन्मोत्सव भी पारंपरिक होगा

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 09:12 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 11:25 AM (IST)
Lockdown update : मंदिरों की चौखट तक सिमटेगा रामजन्मोत्सव, सादगीपूर्ण समारोह की तैयारी
Lockdown update : मंदिरों की चौखट तक सिमटेगा रामजन्मोत्सव, सादगीपूर्ण समारोह की तैयारी

अयोध्या, (रघुवशरण) । जिस रामजन्मोत्सव में आस्था का सैलाब उमड़ता था, अब वह उत्सव मंदिरों की चौखट तक सिमटा रहेगा। दो अप्रैल को होने वाले रामजन्मोत्सव को संतों ने श्रद्धालुओं से अपने घरों पर ही मनाने का आह्वान किया है। शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी के महंत एवं श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास ने सोमवार को ही आह्वान किया कि कोरोना संकट के बीच श्रद्धालु अपने घरों में ही राम जन्मोत्सव मनाएं, तो गुरुवार को पड़ रहे राम जन्मोत्सव की तैयारियों में लगे साधु-संत भी उत्सव को मंदिर की चौखट तक ही सीमित रखने को संकल्पित हैं।

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गत नौ नवंबर को सुप्रीम फैसला आने के बाद रामलला का प्रथम जन्मोत्सव पूरी भव्यता से मनाए जाने का अनुमान था। वासंतिक नवरात्र के पहले दिन रामलला को बुलेट प्रूफ गर्भगृह में स्थानांतरित करने के साथ इसकी शुरुआत भी हो गई, पर कोरोना से जंग आगे बढऩे और लॉकडाउन का असर गहराने के साथ साफ होता गया कि रामलला का जन्मोत्सव इस बार भी सादगी के ही बीच मनाया जाएगा। रामलला के प्रधान अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास के अनुसार श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि रामलला के जन्मोत्सव पर कोई अतिरिक्त प्रयास संभव नहीं है और जन्मोत्सव उसी तरह मनाया जाएगा, जिस तरह सुप्रीम फैसला आने से पूर्व तिरपाल के गर्भगृह में मनाया जाता रहा है।

रामभक्तों की एक अन्य प्रधान पीठ कनकभवन में भी उत्सव को लेकर पूरी सावधानी बरती जा रही है और प्रयास किया जा रहा है कि उत्सव की व्यापकता चुङ्क्षनदा श्रद्धालुओं तक सीमित हो। कनकभवन के नित्य दर्शनार्थी मधुकरी संत मिथिलाबिहारीदास के अनुसार कोरोना संकट को देखते हुए नवरात्र शुरू होने के साथ बधाई गान की महफिल का स्वरूप भी प्रतीकात्मक रखा गया है, ताकि संक्रमण की कोई आशंका न रहे। आचार्य पीठ दशरथमहल बड़ास्थान का राम जन्मोत्सव भी भव्यता का पर्याय माना जाता रहा है, पर इस बार नवरात्र की दस्तक के साथ मंदिर का मुख्य द्वार बाहरी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है।

पीठाधीश्वर बिंदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य के कृपापात्र रामभूषणदास कृपालु के अनुसार दूरभाष और सोशल मीडिया के माध्यम से भक्तों को पहले ही रोक दिया गया था और यह सुनिश्चित किया गया है कि राम जन्मोत्सव में आश्रम के ही लोग शामिल हों।


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