Raksha Bandhan 2020: बहना ने भाई की कलाई पे बांधा प्यार, वो बोला- तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज न लूं
Raksha Bandhan 2020 कोरोना संक्रमण काल ने त्योहारों का बदला स्वरूप। सोशल साइट ने मिटाई दूरियां।
लखनऊ, जेएनएन। Raksha Bandhan 2020: मेरे भइया, मेरे चंदा मेरे अनमोल रतन, तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज न लूं...बहना ने भाई की कलाई पे प्यार बांधा है, प्यार के दो तार से संसार बांधा है...और भइया मेरे राखी के बंधन को निभाना आशा भोसले, सुमन कल्याणपुरी और लता मंगेशकर के अमरगीत की दास्तां जितनी पुरानी है, उससे कहीं अधिक पुरानी हमारा यह रक्षा बंधन का त्योहार है। विकास के इस डिजिटल युग में भी भाई-बहन का प्यार उतना ही मजबूती से खड़ा है जितना उस जमाने में हुआ करता था। आदि काल से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए सोमवार को एक बार फिर रक्षाबंधन पर बहनों ने भाईयों की कलाई पर राखी बांध रक्षा का वचन लिया। भाइयों ने बहनों की सुरक्षा का संकल्प लेते हुए उन्हें अपना प्यार व आशीर्वाद दिया। मनकामेश्वर मंदिर में महन्त देव्या गिरि के सानिध्य में सामूहिक राखी बांधी गई। चौक की फरहाना मलिकी ने हिंदू भइयो को राखी बांधी।
नहीं करना पड़ा इंतजार
इस बार बहनों को भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए भद्रा के खत्म होने का इंतजार नहीं करना पड़ा। सुगह नौ बजे से ही राखी बांधने का सिलसिला शुरू हो गया, जो दिन भर जारी रहा। रक्षाबंधन पर पूजा की थाल में राखी सजाकर अपने ईष्ट देवता को याद करते हुए भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर बहनों ने राखी बांधी।
सोशल साइट ने मिटाई दूरियां
रक्षा बंधन पर सोशल साइट्स ने शहर से बाहर या विदेश में रहने वाले भाइयों व बहनों की दूरियों को कम किया। पटना में रहने वाले मोनू पांडेय ने राजधानी में रहने वाली वंदना द्वारा भेजी गई राखी को बांधा और वॉट्सएप से शेयर कर दिया। निर्धारित मुहुर्त में बहनों द्वारा भेजी राखियों को बांधा और उसकी फोटो वाट्सएप के जरिये शेयर की। अपनी बहनों से हजारों किलोमीटर दूर रहने वाले ऐसे हजारों भाईयों ने सोशल साइट्स के जरिये रक्षाबंधन सेलीब्रेट किया।
बहनों-भाइयों ने शेयर की सेल्फी
फेसबुक और वाट्सएप ने भाई-बहन के प्यार के पर्व को यादगार बनाया। लोगों ने बहनों के साथ जमकर सेल्फी ली और उसे फेसबुक, ट्वीटर व वाट्सएप पर शेयर किया। वहीं दिन भर रक्षाबंधन की बधाई देने का सिलसिला भी जारी रहा
स्वदेशी राखियों की रही धूम
कोरोना संक्रमण काल ने त्योहारों का स्वरूप बदल दिया। इस बार बाजार में जहां स्वदेशी राखियां छाई रहीं तो दूसरी ओर कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बहनों ने हाथों से बनी राखियां भाइयों की कलाई पर बांधी। इंदिरानगर निवासी सिद्धि जायसवाल की बेटी मीनल ने फूलों की बनी राखी भाई देव को बांधी तो आशियाना की पूजा मेहरोत्रा भी बेटी इसिका ने भी घर की बनी राखी को भाई राघव की कलाई पर बांधकर उपहार लिए।
बाजार की नहीं घर की मिठाई से किया मुंह मीठा
भाई-बहन के प्यार के अटूट रिश्तों को मजबूत करने के लिए भाई-बहन दोनों ही संजीदा हैं। कोरोना संक्रमण के चलते बहन घर में बनी मिठाई से ही भाई का मुंह मीठा किया। आलमबाग की किरन पांडेय का कहना है कि कोरोना के चलते डर लग रहा है। ऐसे में भाई की सुरक्षा के लिए घर में ही राखी बनाई और दूध से बर्फी बनाकर उसी से मुंह मीठा कराया। इससे इतर मिठाई की दुकानों पर कतार लगी रही। कुछ दुकानों पर मिठाई दोपहर में ही खत्म हो गई।