बागियों की विधानसभा सदस्यता खत्म कराएगी बसपा, को-आर्डिनेटरों की कार्यशैली पर उठे सवाल
बसपा से बगावत करने वाले विधायकों ने पार्टी के को-आर्डिनेटरों की कार्यशैली पर सवाल उठाकर पार्टी की आंतरिक संगठनात्मक खामियों को भी उजागर किया है। कुछ अन्य विधायकों के सपा कार्यालय में भी जाने की जानकारी मिली है। ऐसे सभी विधायकों को भी चिन्हित किया जाएगा।
लखनऊ, जेएनएन। राज्यसभा चुनाव के दौरान बगावत करने वाले विधायकों के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। असंतोष के और फैलने से पहले ही दबाने के लिए पार्टी चारों बागी विधायकों की विधानसभा से सदस्यता को समाप्त कराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपील करेगी। बगावत करने वाले चारों विधायकों ने पार्टी के राज्यसभा प्रत्याशी के प्रस्तावक बनने के बाद उससे अपने नाम वापसी का लिखित आवेदन करते हुए फर्जी हस्ताक्षर किए जाने के बात निर्वाचन अधिकारी से कही है।
बसपा से बगावत करने वाले विधायकों ने पार्टी के को-आर्डिनेटरों की कार्यशैली पर सवाल उठाकर पार्टी की आंतरिक संगठनात्मक खामियों को भी उजागर किया है। बसपा के विधान मंडल दल के उपनेता उमाशंकर सिंह ने बताया कि प्रत्याशी रामजी गौतम का नामांकन पत्र तैयार करते समय सभी प्रस्तावक विधायकों द्वारा हस्ताक्षर करने समय की वीडियोग्राफी भी की गई थी। वही फोटो और वीडियोग्राफी प्रस्तावकों द्वारा निर्वाचन अधिकारी से हस्ताक्षर फर्जी बताए जाने के वक्त में काम आयी। सिंह ने कहा कि चारों विधायकों के इस तरह के आचरण को पार्टी ने काफी गंभीरता से लिया है। पार्टी के खिलाफ काम करने वालों इन विधायकों की सदस्यता खत्म कराने के लिए जल्द ही विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपील दाखिल की जाएगी। उन्होंने बताया कुछ अन्य विधायकों के सपा कार्यालय में भी जाने की जानकारी मिली है। ऐसे सभी विधायकों को भी चिन्हित किया जाएगा।
तानाशाह बने कोआर्डिनेटर नहीं करते बात
बागी विधायकों ने बसपा प्रमुख मायावती के बजाए को-आर्डिनेटरों पर अधिक निशाना साधा। विधायक मुज्तबा सिद्दीकी का कहना था कि को-आर्डिनेटरों का रवैया काबिल-ए-बर्दाश्त नहीं रह गया है। किसी का हालचाल पूछना तो दूर सीधे मुंह बात भी नहीं करते है। विधायक हाकिम लाल बिंद को भी कमोबेश यही शिकायत है। श्रावस्ती की भिगना सीट से विधायक असलम राईनी के तौर तरीके काफी दिनों से बसपा की मुख्यधारा से अलग दिख रहे है। उन्होंने कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है। राईनी के पुत्र व प्रतिनिधि आतिफ असलम तो एक कदम आगे बढ़ गए। उन्होेंने महासचिव सतीश मिश्रा पर धमकाने का आरोप भी लगाया। एक दिन पूर्व समाजवादी पार्टी मेंं अपनी पत्नी को सदस्यता ग्रहण कराने वाले असलम चौधरी को बसपा की भाजपा से नजदीकी बढ़ती दिखने पर कड़ा एतराज है।