यूपी में दिलचस्प हुआ राज्यसभा चुनाव, भाजपा ने खड़ा किया आठवां प्रत्याशी; अखिलेश के इस करीबी पर लगाया दांव
RajyaSabha Election राज्यसभा का चुनाव अब दिलचस्प हो गया है। भाजपा ने आठवें प्रत्याशी के रूप में बड़े बिल्डर संजय सेठ को चुनाव मैदान में उतार दिया है। 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में सपा के तीन व भाजपा के सात प्रत्याशी पहले से ही मैदान में उतर चुके हैं। नामांकन के अंतिम दिन संजय सेठ के आने से अब राज्यसभा का चुनाव होना तय हो गया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्यसभा का चुनाव अब दिलचस्प हो गया है। भाजपा ने आठवें प्रत्याशी के रूप में बड़े बिल्डर संजय सेठ को चुनाव मैदान में उतार दिया है। 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में सपा के तीन व भाजपा के सात प्रत्याशी पहले से ही मैदान में उतर चुके हैं।
नामांकन के अंतिम दिन संजय सेठ के आने से अब राज्यसभा का चुनाव होना तय हो गया है। शुक्रवार को नामांकन पत्रों की जांच के बाद 27 फरवरी को मतदान होगा। एक प्रत्याशी को जीत के लिए 37 विधायकों के वोट की जरूरत है, ऐसे में क्रास वोटिंग होने की भी आशंका जताई जा रही है।
इन लोगों ने किया नामांकन
राज्यसभा में प्रदेश की 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में सपा ने जया बच्चन, आलोक रंजन व रामजी लाल सुमन को उतारा है। भाजपा के सात प्रत्याशी सुधांशु त्रिवेदी, आरपीएन सिंह, तेजवीर सिंह, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता व नवीन जैन बुधवार को ही नामांकन कर चुके हैं।
भाजपा ने गुरुवार को आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ को उतार दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने गुरुवार को नामांकन से पहले प्रदेश कार्यालय में संजय सेठ के आठवें उम्मीदवार के रूप में चुनाव में उतरने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि भाजपा के पास पर्याप्त बहुमत है। मोदी-योगी सरकार ने विकास के जो कार्य किए हैं उससे सभी प्रभावित हैं। हमारे सभी आठ प्रत्याशी जीतेंगे।
इसके बाद भाजपा प्रदेश कार्यालय से नामांकन के लिए संजय सेठ विधानभवन पहुंचे। नामांकन के समय भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, निषाद पार्टी के अध्यक्ष व मत्स्य मंत्री संजय कुमार निषाद, अपना दल (सोनेलाल) के आशीष पटेल उपस्थित थे।
मुलायम व अखिलेश के करीबी रहे हैं संजय सेठ
संजय सेठ एक प्रतिष्ठित उद्योगपति हैं। लखनऊ स्थित प्रतिष्ठित शालीमार रियल एस्टेट कंपनी में पार्टनर हैं। संजय सेठ सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव व बाद में अखिलेश यादव के बेहद करीबियों में रहे हैं। वे सपा के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्हें वर्ष 2016 में सपा ने राज्यसभा भेजा था। वर्ष 2019 में वे भाजपा में शामिल हुए और उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा ने उन्हीं की रिक्त हुई सीट पर उनको वापस से राज्यसभा भेज दिया था।
एक सीट के लिए चाहिए 37 वोट, सपा के कम पड़ेंगे दो मत
विधानसभा में इस समय चार सीटें रिक्त हैं। ऐसे में कुल सदस्यों की संख्या 399 है। राज्यसभा चुनाव के फार्मूले के अनुसार इस चुनाव में एक सीट जीतने के लिए 37 विधायकों के मतों की जरूरत है। सपा को तीन प्रत्याशी जिताने के लिए 111 मतों की आवश्यकता है, जबकि उसके पास 108 विधायक हैं।
सपा विधायक व अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल सपा प्रत्याशियों को वोट न देने की बात पहले ही कह चुकी हैं। उन्होंने जया बच्चन व आलोक रंजन को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध किया है। उनका कहना है कि पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की बात करने वाली सपा ने राज्यसभा चुनाव में पीडीए को प्रतिनिधित्व नहीं दिया है।
कांग्रेस के दो विधायकों का समर्थन मिल जाने के बाद भी सपा को दो विधायकों के मतों की जरूरत और होगी। सपा का दावा है कि रालोद के कई विधायक उनके साथ हैं, चूंकि सिंबल रालोद का था जबकि प्रत्याशी उनके थे। हालांकि, रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने सभी नौ विधायकों को दिल्ली में बुलाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि उसके सभी विधायक उनके साथ हैं।
भाजपा को आठ प्रत्याशी जिताने के लिए चाहिए 296 वोट
भाजपा को सभी आठ प्रत्याशी जिताने के लिए 296 मतों की जरूरत होगी। अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी व सुभासपा भी भाजपा के साथ हैं। ऐसे में सहयोगी दलों के साथ उसके विधायकों की कुल संख्या 277 है। रालोद ने भी सपा का साथ छोड़ दिया है और अपनी प्रतिबद्धता भाजपा में जता दी है, इसलिए उसके नौ विधायकों के समर्थन के बाद यह संख्या 286 हो जाएगी।
चूंकि रघुराज प्रताप सिंह इन दिनों खुलकर मोदी व योगी के कार्यों की प्रशंसा कर रहे हैं इसलिए उनकी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के भी दोनों विधायकों के मत भी जोड़ लिए जाएं तो कुल संख्या 288 हो जाएगी। इसके बावजूद भाजपा को अपने आठवें प्रत्याशी को जिताने के लिए आठ मतों की जरूरत और होगी।
भाजपा की मजबूती के आधार
-भाजपा का सत्ता में होना उसके लिए है सबसे बड़ा मजबूती का आधार
-विपक्षी दलों के विधायक भी भविष्य की संभावनाएं देखते हुए दिखा सकते हैं भाजपा के साथ प्रतिबद्धता
-जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का भाजपा की ओर झुकाव
-सपा विधायक पल्लवी पटेल का अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को वोट न देने का निर्णय
-सपा के कुछ विधायकों का जेल में होना
विधानसभा में दलीय स्थिति
भाजपा-252
सपा-108
अपना दल सोनेलाल-13
रालोद-9
निषाद पार्टी-6
सुभासपा-6
कांग्रेस-2
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक-2
बसपा-1
रिक्त-4 (लखनऊ पूर्व, दुद्धी, ददरौल व गैसड़ी)
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