PM मोदी में जोखिम भरे फैसले लेने का माद्दा : राजनाथ सिंह
मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए उठाए ठोस कदम। सुपर इकोनॉमिक पावर नहीं, ज्ञानवान और बलवान भारत बनाएंगे।
लखनऊ, जेएनएन। पीएम नरेंद्र मोदी ऐसे नेता हैं, जिनमें जोखिम भरे फैसले लेने का माद्दा है। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की जो रिपोर्ट आई है, उसके अनुसार अगले वर्ष हमारी जीडीपी 7.5 होगी। इसके बाद हम चीन से आगे निकल जाएंगे। गुरुवार को इंदिरानगर के वित्तीय प्रबंधन प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान में लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रतिमान विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि राजनाथ सिंह ने ये विचार व्यक्त किए।
गृहमंत्री ने कहा कि भारत तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था वाला देश है और अगले वित्तीय वर्ष में हम विश्व में नौवें नंबर से पांचवें स्थान पर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए जो रिफार्म हुआ, उसमें जीएसटी का बड़ा योगदान है। पीएम मोदी में यह भी माद्दा है कि वे गलती होने पर उसे आगे बढ़कर दुरुस्त भी करते हैं। भारत को हम सुपर इकोनॉमिक पावर नहीं, बल्कि ज्ञानवान, बलवान और धनवान बनाएंगे। हम अमेरिका की तरह नहीं, जहां अमीर-गरीब की खाई चौड़ी है। हम ऐसा भारत बनाना चाहते हैं जिसके विकास में किसानों का भी योगदान हो।
कार्यक्रम में यूपी के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि हम किसानों के लिए बहुत फिक्रमंद हैं और उन्हें उनकी फसल की अच्छी कीमत दिलाएंगे। आइसीएसएसआर के मेंबर सेक्रेट्री प्रो. वीके मेहरोत्रा ने कहा कि पिछले चार-पांच वर्षों में देश ने खूब तरक्की की है।
समारोह में विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक, कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डीके नौटियाल व लविवि कुलपति प्रो. एसपी सिंह मौजूद रहे। संयोजक व डॉ. शंकर दयाल शर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी के निदेशक प्रो. मनोज अग्रवाल और डॉ. विजय कर्ण द्वारा पंडित दीन दयाल उपाध्याय एवं भारतीय अर्थव्यवस्था पुस्तक का विमोचन भी गृहमंत्री ने किया।
हम सरकार नहीं, देश को बनाने की राजनीति करते हैं
कार्यक्रम में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने विद्यार्थियों से सीधा संवाद स्थापित किया। विद्यार्थियों ने पूछा कि गुड इकोनॉमिक्स इज बैड पॉलिटिक्स कहा जाता है फिर भी भाजपा सरकार ऐसे जोखिम क्यों उठाती है? इस पर गृहमंत्री ने कहा कि हम सरकार नहीं, देश को बनाने की राजनीति करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि मौजूदा वक्त में यह कथन ठीक नहीं है। इसे दिमाग से निकाल दें।