अब उत्तर प्रदेश से भी भारत के विकास का एक्सप्रेस-वे : राजनाथ
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोगों को मन मजबूत और बड़ा करने की सलाह दी और कहा कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।
लखनऊ (जेएनएन)। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के विकास का रास्ता अब केवल दिल्ली, मुंबई और बंगलौर से ही नहीं गुजरता बल्कि अब दावे के साथ कह सकता हूं कि विकास का एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश से भी गुजर रहा है। गृहमंत्री ने लोगों को मन मजबूत और बड़ा करने की सलाह दी और कहा कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता। जिस समाज मे यह सोच आ जायेगी उसे कोई तोड़ नहीं सकता।
यूपी और लखनऊ को बड़ी सौगात
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में राजनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की और कहा, कदाचित ही ऐसा अवसर आया जब प्रधानमंत्री ने देश के किसी शहर में दो दिन का समय दिया हो। उन्होंने दो दिनों में उत्तर प्रदेश और लखनऊ को बड़ी सौगात दी है। मोदी ने भारत को बनाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि मै उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहा हूं और मैंने कल्पना नहीं की थी कि पांच माह पहले इंवेस्टर्स समिट में जो करार हुआ उसे इतनी जल्दी मूर्त रूप मिलेगा। मुझे खुशी है कि साठ हजार करोड़ की परियोजना धरातल पर उतर रही है। राजनाथ ने कहा कि इंवेस्टर्स समिट का जो सिलसिला मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी ने गुजरात से शुरू किया वह आगे बढ़ रहा है। राजनाथ ने कहा कि मैं उप्र को समझता हूं। यहां असीमित संभावना है। जरूरत इसे माहौल देने की है। इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। उन्होंने उद्यमियों का भी हौसला बढ़ाया।
राजनाथ का उद्यमियों को अतिरिक्त सुरक्षा का भरोसा
राजनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी यहां की सुरक्षा व्यवस्था देखते हैं। उद्यमियों को कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन गृह मंत्री होने के नाते भरोसा दे रहा हूं कि अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत पड़ी तो केंद्र सरकार साथ खड़ी है। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री का हृदय की गहराई से स्वागत किया। राजनाथ ने दोहराया कि योगी ने करिश्माई कार्य किया है।
मेधा देश की सबसे बड़ी पूंजी
मेधा देश की सबसे बड़ी पूंजी गृहमंत्री ने कहा कि मेधा देश की सबसे बड़ी पूंजी होती है। अंग्रेजों ने लंबे समय तक हम पर हुकूमत की। हमें इतना मोह हो गया कि हम मानने लगे कि अंग्रेजी से ही ज्ञान मिलेगा। लेकिन जो ज्ञान हमारे ऋषियों ने दिया है उसे कोई भाषा या कोई देश नहीं दे सकता। ज्ञान के मामले में अमेरिका भी हम से पीछे है। मेरी आप सबसे हाथ जोड़ कर प्रार्थना है कि देश की अस्मिता को बचा कर रखना चाहते हैं अपने बच्चों को संस्कृति की शिक्षा अवश्य दीजिए।