आज टल सकती है तलवार दंपती की रिहाई, अब तक नहीं पहुंचा ऑर्डर
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में धारा 437 का क्लॉज लगाया है। जिसके तहत तलवार दम्पति को गाजियाबाद सीबीआई स्पेशल कोर्ट में बेल बांड भरना पड़ेगा। बेल बांड की सीमा अवधि छह माह की है।
लखनऊ (जेएनएन)। पुत्री आरुषि तथा नौकर हेमराज की हत्या के मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट ने निर्देश पर बरी तलवार दंपती को आज तक डासना जेल गाजियाबाद में रहना पड़ेगा। अभी जेल प्रशासन को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की सर्टीफाइट कॉपी नहीं मिली है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में धारा 437 का क्लॉज लगाया है। जिसके तहत तलवार दंपती को गाजियाबाद सीबीआई स्पेशल कोर्ट में बेल बांड भरना पड़ेगा। इस बेल बांड की सीमा अवधि छह माह की होती है। इस बीच अगर ऊपरी अदालत में अपील नही की गई तो बेल बांड स्वत: निरस्त माना जाएगा।
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जिसके बाद तलवार दंपती पूर्णत: बरी हो जाएंगे। तलवार दंपति को एक एक लाख रुपये और दो-दो जमानती भी कोर्ट में पेश करने पड़ेंगे। यह सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सीबीआई के विशेष न्यायाधीश दोनों को रिहाई आदेश जारी करेंगे।
माना जा रहा था कि देश की बड़ी मर्डर मिस्ट्री नोएडा के आरुषि-हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपती आज ही गाजियाबाद के डासना जेल से रिहा हो सकते हैं। इलाहबाद हाईकोर्ट ने देश को झकझोर देने वाले आरुषि-हेमराज हत्याकांड में संदेह के आधार पर आरुषि के पिता डॉ राजेश तलवार और डॉ नुपूर तलवार को दोषी न मानते हुए बरी कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद तलवार दंपती के साथ-साथ परिवार के लोगों में भी खुशी की लहर है। गाजियाबाद की डासना जेल के सुपरिंटेंडेंट दधिराम मौर्य ने बताया कि आज आर्डर आने के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।
तलवार दंपती के वकीलों को आज इलाहाबाद हाइकोर्ट से आर्डर सर्टिफाइड कॉपी नही मिली है। इसकी कॉपी मिलने के बाद हार्ड कॉपी गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट में एप्लिकेशन लगाएगा। फिर कोर्ट आर्डर कॉपी को वेरीफाई करेगा। जिसके बाद राजेश और नुपूर को रिलीज किया जाएगा। माना जा रहा है कि अगर आर्डर 4 बज कर 59 मिनट से पहले डासना जेल पहुंचा तभी रिहाई होगी।
कौन हैं तलवार दंपति
तलवार दंपति दिल्ली-एनसीआर के जाने माने डेंटिस्ट हैं। डॉ राजेश पंजाबी परिवार से हैं और नुपुर महाराष्ट्र के परिवार से हैं। नुपूर एयरफोर्स के अफसर की बेटी हैं और डॉ. राजेश हार्ट स्पेशिलिस्ट के बेटे हैं। आरुषि का जन्म 1994 में हुआ था।
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सीबीआइ कोर्ट से हाईकोर्ट तक तलवार दंपती
- 25 नवंबर 2013 में तलवार दंपती को गाजिय़ाबाद सीबीआइ कोर्ट ने दोषी मान उम्रकैद की सजा सुनाई।
- जनवरी 2014 में तलवार दंपती ने लोअर कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी।
- 11 जनवरी 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार की अपील पर फैसला सुरक्षित किया।
- 01 अगस्त 2017 में हाईकोर्ट ने सीबीआइ के दावों में विरोधाभास पाया और अपील दुबारा सुनी
- 08 सितंबर 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि हत्याकांड में फैसला सुरक्षित किया।