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President in Ayodhya: रामनगरी में पहली बार रेलवे को मिलेगा राष्ट्रपति के स्वागत का मौका, रेलवे ने शुरू की तैयारी

वर्ष 1984 में हवाई मार्ग से अयोध्या पहुंचे थे तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सि‍ंह। अगस्त में राष्ट्रपति रामनाथ कोवि‍ंद के संभावित आगमन को लेकर। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद डा. निर्मल खत्री ने उनकी इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 04:22 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 09:00 PM (IST)
President in Ayodhya: रामनगरी में पहली बार रेलवे को मिलेगा राष्ट्रपति के स्वागत का मौका, रेलवे ने शुरू की तैयारी
अयोध्‍या में 17 वर्ष बाद रेलवे को राष्ट्रपति के स्वागत का अवसर प्राप्त होने का संकेत मिला है।

अयोध्‍या, [रविप्रकाश श्रीवास्तव]। राष्ट्रपति रामनाथ कोवि‍ंद के संभावित आगमन की हलचल रेलवे में महसूस की जाने लगी है। राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यक्रम भले न आया हो, लेकिन विभागीय वाट्सएप ग्रुप पर राष्ट्रपति के आगमन को लेकर अलर्ट रहने के संदेश उनके आगमन की संभावना को पुख्ता करते दिखाई पड़ते हैं। अयोध्या के रेल इतिहास में यह पहला अवसर होगा, जब देश के राष्ट्रपति का स्वागत करने का मौका विभाग को मिलेगा। इससे पूर्व वर्ष 1983 में तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सि‍ंह अयोध्या आए थे, लेकिन उन्होंने हवाई यात्रा की थी। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद डा. निर्मल खत्री ने उनकी इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

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कांग्रेसी नेता हरजीत सलूजा के आग्रह पर पूर्व सांसद के साथ वह हैदरगंज स्थित गुरुद्वारा गुरुनानकपुरा भी गए थे। पूर्व सांसद डा. खत्री इस यात्रा की याद ताजा करते हुए बताते हैं कि उन्हें रेलवे क्रासि‍ंग रहित मार्ग उपलब्ध कराने के लिए हवाई अड्डे से मकबरा, लालबाग होते हुए वजीरगंज जप्ती मुख्य मार्ग से अयोध्या ले जाया गया था, जहां उन्होंने दर्शन पूजन किया था। इसके पश्चात चार फरवरी 2004 को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्वागत का रेलवे ने अभूतपूर्व प्रबंध किया था। वह अयोध्या में सरयू नदी पर नवनिर्मित रेल पुल का लोकार्पण करने आए थे।

गोंडा जिले के कटरा से फैजाबाद जंक्शन तक उन्होंने स्पेशल ट्रेन से यात्रा की थी। उस वक्त अटल जी की अगवानी में रहे एक स्थानीय रेल अधिकारी ने बताया कि जीआइसी रेलवे क्रासि‍ंग के पास ट्रेन से उनके उतरने के लिए 36 मीटर लंबा एक अस्थायी प्लेटफार्म भी बनाया गया था, जहां से उतरने के बाद वह सड़क मार्ग से हवाई पट्टी गए थे। 17 वर्ष बाद अब रेलवे को राष्ट्रपति के स्वागत का अवसर प्राप्त होने का संकेत मिला है। राष्ट्रपति के अगस्त के अंतिम सप्ताह में रामनगरी आने की संभावना है। अभी तक 29 अगस्त को राष्ट्रपति के यहां पहुंचने की उम्मीद है। इसी तिथि पर रामनगरी में दो दिवसीय रामायण कान्क्लेव भी आरंभ होना है।


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