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Lockdown-2: लॉकडाउन में भी दौड़ रही है ये ट्रेन, न टिकट न पास-सिर्फ कोरोना से लड़ने की आस

Lockdown-2 रेलकर्मियों को लेकर रोज रवाना हो रही आठ स्पेशल वर्कमैन ट्रेंने। ब्रिटिश रेलवे में रेलकर्मियों के लिए शुरू हुई थी यह व्यवस्था।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 03:35 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 03:35 PM (IST)
Lockdown-2: लॉकडाउन में भी दौड़ रही है ये ट्रेन, न टिकट न पास-सिर्फ कोरोना से लड़ने की आस
Lockdown-2: लॉकडाउन में भी दौड़ रही है ये ट्रेन, न टिकट न पास-सिर्फ कोरोना से लड़ने की आस

लखनऊ, जेएनएन। Lockdown-2: लॉकडाउन में यात्री ट्रेनों के पहिए भले ही थम गए हो। लेकिन एक ट्रेन है जो अब भी दौड़ रही है। यह कोई पार्सल स्पेशल या मालगाड़ी नहीं है। यह वर्कमैन स्पेशल ट्रेन है। जो रेलवे अपने कर्मचारियों के लिए चला रहा है। यह वर्कमैन स्पेशल ट्रेन रेलकर्मियों को लेकर रोजाना उन स्टेशनों तक जाती है। जहां पर पटरियों की मरम्मत से लेकर प्वाइंट सेट करने और बढ़ते तापमान में पटरियों को तनावमुक्त करने की डिस्ट्रेसिंग प्रक्रिया के बचे हुए काम पूरे हो रहे हैं।

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दरअसल ट्रेनें भले ही बंद हैं। लेकिन रेलवे को लॉक डाउन के बाद ट्रेनें चलाने के लिए अपनी पटरियों, सिगनल, बोगियों व इंजन की नियमित मरम्मत करना होगा। ऐसा न करने पर तकनीकी गड़बड़ी का सामना करना पड़ेगा। इसे देखते हुए पटरियों को दुरुस्त रखने वाले ट्रैकमैनों व इंजीनियरिंग के कर्मचारियों के लिए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में आठ स्पेशल वर्कमैन स्पेशल ट्रेनें दौड़ रही हैं। दो से तीन बोगियों वाली इन स्पेशल वर्कमैन ट्रेनों में सामाजिक दूरी का पालन भी किया जाता है। उतरेटिया से ही गौरीगंज तक चलने वाली इस ट्रेन में रूट के सभी स्टेशनों से कर्मचारी रवाना होते हैं।

अंग्रेजों ने की थी शुरुआत

अपने रेलकर्मियों को कार्यस्थल तक लाने और ले जाने के लिए वर्कमैन ट्रेनों की शुरुआत ब्रिटिशकाल में हुई थी। कभी लखनऊ से प्रतापगढ़ तक यह ट्रेन चलती थी। सुबह समय से लखनऊ आकर शाम को रवाना होने वाली वर्कमैन स्पेशल ट्रेनें उन हाल्ट पर भी रोकी जाती थी। जहां रेलकर्मी तैनात होते थे। प्राथमिकता पर चलने वाली इन वर्कमैन ट्रेनों में कोई रेलवे सुविधा पास भी काम नहीं करता है। लखनऊ से रहीमाबाद के बीच अब भी यह वर्कमैन ट्रेन दौड़ रही है।

क्‍या कहते हैं जिम्‍मेदार ? 

ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन केंद्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने बताया कि यह एक ब्रिटिशकालीन व्यवस्था है। जो रेलवे कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी। बहुत रूटों पर इनको बंद कर उस समय की पैसेंजर ट्रेनों को ठहराव दिए गए हैं। लखनऊ में अब भी रहीमाबाद के लिए वर्कमैन ट्रेन दौड़ती है। जिससे समय पर रेलकर्मी अपने कार्यस्थल पहुंच जाते हैं।


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