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रेलवे अस्पताल को जल्द मिलेंगे ऑर्थो सर्जन और रेडियोलॉजिस्ट, मरीजों को मिलेगी सुविधा

लखनऊ के रेलवे अस्पताल में मरीजों को ऑर्थो सर्जन और रेडियोलॉजिस्ट की सुविधा शीघ्र ही मिलेगी। आधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीन से होगी रेलकर्मियों की जांच 27 अक्टूबर से शुरू होगी सामान्य ओपीडी कर्मचारी संगठनों साथ शनिवार को बैठक करेंगे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 11:18 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 11:18 AM (IST)
रेलवे अस्पताल को जल्द मिलेंगे ऑर्थो सर्जन और रेडियोलॉजिस्ट, मरीजों को मिलेगी सुविधा
लखनऊ के रेलवे अस्पताल में मरीजों को जल्द मिलेंगे ऑर्थो सर्जन और रेडियोलॉजिस्ट।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर रेलवे मण्डल अस्पताल में करीब छह माह के बाद फिर से ओपीडी शुरू करने की तैयारी है। यहां रेलवे जल्द ही ऑर्थो सर्जन और रेडियोलॉजिस्ट की भी तैनाती करने जा रहा है। ओपीडी शुरू करने से पहले अस्पताल प्रशासन और रेल कर्मचारी संगठनों के बीच शनिवार को बैठक भी होगी। दरअसल उत्तर रेलवे मुख्यालय ने 275 बेड वाले चारबाग़ स्थित मंडल रेल अस्पताल इंडोर को कोविड केअर सेंटर बनाया था। यहां दो वेंटिलेटर यूनिट के साथ लेवल 2 की सुविधा दी गई। 

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आईटीबीपी जवानो सहित शहर के कोरोना मरीजो का उपचार करने में यह जोनल का अग्रणी केयर सेंटर बन गया। हालांकि इस अस्पताल में चल रही सभी स्पेशल ओपीडी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी और पीएमई को बन्द कर दिया गया था।।रेलवे ने अपने कार्यस्थलों में चलने वाली हेल्थ यूनिट में ओपीडी शुरू की। अब रेलवे 27 अक्टूबर से स्पेशल ओपीडी को फिर से शुरू करेगा। वही रेलवे के पास मौजूद ऑर्थो सर्जन का कार्यकाल समाप्त हो गया है। जिस कारण अब ऑर्थो सर्जन की एक साल के कॉन्ट्रैक्ट पर तैनाती के आदेश दिए गए हैं। वही यहां तैनात रेडियोलॉजिस्ट मुरादाबाद मण्डल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बनाये गए हैं। तब से यह पद रिक्त चल रहा है।।इस बीच आधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीन लखनऊ आ गई है। इसको रेलवे बोर्ड दक्षिण रेलवे भेजने की कोशिश कर रहा था।।इस बीच एनआरएमयू और उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन के प्रदर्शन के बाद मामले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक पहुंचा था। रक्षा मंत्री ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा। जिसके बाद मशीन को लखनऊ मण्डल रेल अस्पताल में ही लगाया गया। अब इससे रेलकर्मियो और उनके परिवार वालो की जांच के लिए रेडियोलॉजिस्ट तैनात किए जाएंगे। 

  लखनऊ मण्डल रेल अस्पताल की डॉ विश्वमोहिनी सिन्हा ने कहा कि जिम्मा उत्तर रेलवे मण्डल अस्पताल पर कानपुर गंगा नदी पुल से अमेठी, फैजाबाद और सुलतानपुर होकर वाराणसी तक अपने करीब 23 हजार रेलकर्मी, उनके आश्रित और सेवानिवृत कर्मचारियों को चिकित्सा सेवा मुहैया कराने का जिम्मा है। साथ ही लोको और कैरेज वैगन वर्कशॉप के कर्मचारियों का भी इलाज इस अस्पताल में होता है। अस्पताल में एक ऑर्थो सर्जन और रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती की प्रक्रिया चल रही है। यहां 27 अक्टूबर से ओपीडी शुरू हो जाएगी। 


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