गर्भस्थ शिशु की मौत पर निजी अस्पताल में छापा, संचालक फरार Lucknow news
शिकायत पर सीएमओ की टीम ने की कार्रवाई। इलाज में लापरवाही के चलते हुई थी गर्भस्थ की मौत।
लखनऊ, जेएनएन। गर्भस्थ शिशु की मौत पर सीएमओ की टीम ने शनिवार को दोपहर में शांति मेमोरियल एंड हेल्थ सोसाइटी अस्पताल में छापा मारा। इस दौरान भवन के अंदर का हुलिया बदला मिला। बाहर एक डॉक्टर की नेम प्लेट मिली। कक्ष बंद कर मौके से संचालक फरार हो गया।
कानपुर रोड स्थित फर्रुखाबाद चिल्लावां गांव निवासी ज्योति सेन गर्भवती थीं। पति रवि प्रसाद ने तीन नवंबर को पत्नी को शांति मेमोरियल एंड हेल्थ सोसाइटी में भर्ती कराया। रवि प्रसाद ने इलाज में लापरवाही व मनमानी वसूली की शिकायत की। ऐसे में शनिवार को कार्यवाहक सीएमओ डॉ. डीके बाजपेयी के निर्देश पर एसीएमओ डॉ. मनोज कुमार ने दोपहर में छापा मारा। ढाई बजे के करीब पहुंची टीम को अस्पताल में सन्नाटा मिला। डॉ. मनोज कुमार के मुताबिक अस्पताल में सिर्फ एक डॉक्टर की नेम प्लेट मिली। अंदर स्ट्रक्चर में बदलाव कर दिया गया। हॉल में भगवान के कैलेंडर लगा दिए गए। वहीं कक्ष बंद कर दिए गए। इन कक्षों में बेड होने की आशंका है। मौके पर अस्पताल व सोसाइटी संचालक गायब मिला।
पंजीकरण नहीं मिला
डॉ. मनोज कुमार के मुताबिक छापामारी के दौरान एक महिला निकली। उसने खुद को किराएदार बताया। इस दौरान अस्पताल में कोई पंजीकरण नहीं मिला।
आशा से भी होगी पूछताछ
डॉ. मनोज कुमार के मुताबिक अस्पताल संचालक को नोटिस जारी किया गया। इस दौरान सोसाइटी के साथ-साथ अस्पताल का पंजीकरण नंबर तलब किया गया है। वहीं गर्भवती को सरकारी के बजाए निजी में भर्ती कराने पर आशा से पूछताछ होगी। साथ ही शिकायतकर्ता के बयान दर्ज किए जाएंगे।
यह था मामला
पति रविप्रसाद के मुताबिक ज्योति सेन को आशा बहू ने शांति मेमोरियल एंड हेल्थ सोसाइटी में तीन नवंबर को भर्ती कराया था। यहां सामान्य व सिजेरियन दोनों प्रसव की सुविधा 24 घंटे होने का दावा किया गया। कुल 40 हजार रुपये जमा कराए गए। रात में मौजूद डॉक्टर ने सुबह क्वीनमेरी में ड्यूटी बताकर ऑपरेशन से इन्कार कर दिया। ऐसे में दूसरे डॉक्टर को बुलाने का दावा किया गया, लेकिन वह भी नहीं आईं। हालत बिगडऩे पर गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई।