पुनिया हैं कांग्रेस के दलित 'फेस'
लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के धुर विरोध के बाद भी कांग्रेस के शीर्ष
लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के धुर विरोध के बाद भी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने जिस तरह बाराबंकी के सांसद पीएल पुनिया को दोबारा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनवाया है उससे जहां यह साफ हो गया है कि पुनिया प्रदेश कांग्रेस में दलित चेहरा हैं वहीं बेनी को भी संदेश दिया गया है कि भले ही उनकी ताबड़तोड़ बयानबाजी के लिए उनसे टोकाटाकी न की जाए लेकिन उनके विरोध को नेतृत्व किसी वीटो की तरह लेने को तैयार नहीं।
हाल ही में बेनी प्रसाद वर्मा ने यहां तक कह दिया था कि वे पुनिया का टिकट कटवा देंगे। उनके इस दावे का असर तो बाद में दिखेगा लेकिन पुनिया को दोबारा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग आयोग का अध्यक्ष बनाया जाना बेनी बाबू के लिए झटका है। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व के काम करने का अपना अलग ढंग है और वह इसी तरह जोर का झटका धीरे से देता है।
लोकसभा चुनाव के कुछ समय बाद से ही रूठे बेनी बाबू ने पुनिया पर लगातार हमले किए लेकिन पुनिया ने हमेशा सार्वजनिक मंच से उनके प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित किया। बेनी ने परोक्ष-अपरोक्ष प्रदेश के अन्य कई वरिष्ठ नेताओं पर भी जब तब हमले करते रहे लेकिन किसी ने उन्हें पलट कर कुछ नहीं कहा। प्रदेश कांग्रेस के एक पूर्व पदाधिकारी कहते हैं कि माकूल जवाब न मिलने और राहुल गांधी के वरदहस्त के चलते बेनी बाबू के आक्रमण विरोधियों पर पैने होते गए। वैसे भी उनकी शैली विरोधियों पर खुलकर आक्रमण करने की रही है। बहरहाल पुनिया की खामोशी उनके काम आयी और नेतृत्व ने किसी को लगातार दूसरी बार आयोग का अध्यक्ष बनाकर संदेश दे दिया कि सूबे में अगर बेनी कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग का चेहरा हैं तो पुनिया दलित वर्ग का।
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