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बाराबंकी में नहर कोठी चौराहे का नाम बदलकर रख दिया अहमद चौराहा, हिंदू युवा वाहिनी ने जताया आक्रोश

बाराबंकी में लोक निर्माण विभाग के अफसरों की करतूत से हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने जताया आक्रोश। वहीं अधिशाषी अभियंता ने कहा क‍ि बोर्ड हटा द‍िया जाएगा। इसमें जांच की कहीं कोई आवश्‍यकता नहीं है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 05:31 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 06:58 AM (IST)
ह‍िंंदू युवा वाह‍िनी के कार्यकर्ताओं ने मुख्‍यमंत्री सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ को पत्र लिखा है।

बाराबंकी, संवादसूत्र। एक तरफ योगी सरकार प्रदेश में मुगल आक्रांताओं द्वारा बदले गए नामों को दुरुस्‍त कर रहे हैं वही दूसरी तरफ कुछ अफसर अब भी प्राचीन नामों को बदलने में लगे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला गुरुवार को बाराबंकी में देखने को म‍िला। लोक निर्माण विभाग के अफसरों ने प्राचीन नाम से जाना जाने वाले चौराहे का नाम ही बदल दिया है। इसको लेकर हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों में आक्रोश व्‍याप्‍त है।

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ह‍िंंदू युवा वाह‍िनी के कार्यकर्ताओं ने अफसरों और नाम बदलवाने वाले पर कार्रवाई के लिए मुख्‍यमंत्री सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ को पत्र लिखा है। वहीं अधिशाषी अभियंता कहते है कि अब इसमें जांच नहीं होगी, सिर्फ बोर्ड हटाया जाएगा।

निंदूरा विकास खंड के कुर्सी में नहर विभाग की पुरानी कोठी बनी हुई है। इस नहर कोठी के नाम से उस जगह नाम दसकों से नहर कोठी प्रचलित रहा है। वर्तमान समय में लोक निर्माण विभाग के अफसरों ने उस जगह नाम अहमद चौराहा कर दिया है। इतना ही नहीं उस जगह बाकायदा बोर्ड भी लगा दिया गया। नहर कोठी का अहमद चौराहा बोर्ड लगाए जाने से स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

हिंदू युवा वाहिनी विधानसभा अध्यक्ष उमेश यादव, प्रमोद रावत, नितिन मौर्या, संतराम रावत, सतीष जायसवाल आदि लोगों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने अहमद चौराहा के नाम से बोर्ड लगा दिया है। विभाग नाम बदलने की साजिश कर रहा है। प्राचीन नाम को हटा कर उनका नया नामकरण करने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है, इसमें दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की गई है। अवर अभियंता ओपी यादव ने बताया कि मामला जानकारी में नहीं है।

नहर कोठी का नाम बदलकर अहमद चौराहा का बोर्ड लगाए जाने की मामला जानकारी में आया है। दो-तीन दिनों में बोर्ड हटवा दिया जाएगा। इसमें जांच की कोई जरूरत नहीं है। किसी व्यक्ति ने अहमद चौराहा के नाम से बोर्ड लगा दिया होगा।    - आदित्य कुमार, अधिशाषी अभियंता, लोक निर्माण खंड-तीन।


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