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CAA Protest in Lucknow: सीएए और एनआरसी को लेकर खुले आसमान के नीचे महिलाओं का प्रदर्शन जारी

सीएए और एनआरसी के खिलाफ लखनऊ के घंटाघर पर लगातार तीसरे दिन भी प्रदर्शन जारी। प्रदर्शन में शामिल हुई कई हस्तियां।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 08:53 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 11:04 PM (IST)
CAA Protest in Lucknow: सीएए और एनआरसी को लेकर खुले आसमान के नीचे महिलाओं का प्रदर्शन जारी
CAA Protest in Lucknow: सीएए और एनआरसी को लेकर खुले आसमान के नीचे महिलाओं का प्रदर्शन जारी

लखनऊ, जेएनएन। सीएए और एनआरसी के खिलाफ लगातार तीसरे दिन महिलाएं एतिहासिक घंटाघर पर डटीं रहीं। इन महिलाओं के साथ काफी संख्या में बच्चे भी हैं जो रात भर ओस और पाले में धरने पर बैठे हुए हैं। महिलाओं की मांगे है कि जब तक सरकार सीएए और एनआरसी के फैसले को वापस नहीं लिया जाएगा वे वापस नहीं जाएंगी। वहीं पुलिस महिलाओं को वहां से हटाने का हर संभव प्रयास कर रही है, आरोप है कि महिलाएं सर्दी से बचने के लिए जो कंबल और सामान लाई हैं वो देर रात छीना गया है। वहींं कंबल छीने जाने के आरोप का पुलिस ने पूरी तरह खंडन किया है।  

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घंटाघर पर चल धीरे-धीरे महिलाओं का प्रदर्शन विकराल रूप ले रहा है, प्रदर्शनकारियों की संख्या भी शुक्रवार के मुकाबले लगभग दोगुनी हो गई है। ठंडी में धरने पर बैठी महिलाओं का हौसला बढ़ाने के लिए एडवा की मधु गर्ग संगठन की अन्य महिलाओं के साथ पहुंची। उन्होंने कहा कि हम धरने में बैठी इन महिलाओं के समर्थन में आए हैं। केंद्र सरकार के खिलाफ महिलाओं का गुस्सा एक दिन का नहीं, कई वर्षों का है। जो उन्होंने दबा रखा था, लेकिन सीएए व एनआरसी के बाद यह फूट पड़ा।वहीं शबीह फातिमा भी शामिल थी उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जब तक सीएए व एनआरसी को वापस नहीं लेगी, प्रदर्शन लगातार जारी रहेगी। इसके अलावा सदफ जाफर, सुमय्या राना, नसरीन, रुखसाना, हिना खान, गजाला व नाहिद अकील सहित दर्जनों महिलाएं शामिल रहीं। मौके पर सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात रहा है।

कंबल छीनने की घटना का पुलिस ने किया खंडन  

प्रदर्शन के दौरान कंबल छीनने की घटना का पुलिस ने ट्वीट करके खंडन किया है। पुलिस का कहना है कि सीएए प्रदर्शन के दरौन के दौरान कुछ लोगों द्वारा वहां पर रस्से और डंडे से घेरा बनाकर शीट लगाया जा रहा था, जिसे लगाने से मना किया गया। कुछ संगठनों के लोगों द्वारा पार्क में कम्बल ले आ कर वितरित कराया जा रहा था जिससे आसपास के लोग काफी संख्या में जो धरने में सम्मिलित नहीं थे वह भी कम्बल लेने आ रहे थे। पुलिस के द्वारा वहां से कम्बल और उन संगठन के व्यक्तियों को हटवाया गया तथा विधिक कार्रवाई की गई। 

शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार

लखनऊ में जुमे की नमाज के बाद रूमी गेट के पास घंटाघर पर महिलाओं के एक जत्थे ने सीएए और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन शुरू हुआ था। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ दिल्ली की शाहीन बाग की तर्ज पर ये प्रदर्शन किया जा रहा है। जबरदस्त ठंड और कोहरे में अपने बच्चों संग बैठीं महिलाओं ने 'नो सीएए-नो एनआरसी' के नारे लगाए। हाथों में तिरंगा लेकर प्रदर्शनकारी महिलाओं ने संविधान बचाओ-देश बचाओ की शपथ ली। गूंजते देशभक्ति गीतों के बीच महिलाओं ने केंद्र सरकार से सीएए व एनआरसी को खारिज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जबतक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा खुले आसमान के नीचे अनिश्चितकालीन प्रदर्शन जारी रहेगा। महिलाओं का कहना है कि प्रदर्शन में अगर पुरुष शामिल होते हैं तो इसे दंगे का रूप दे दिया जाता है। इसलिए हमारा सड़क पर उतरना जरूरी हो गया है, सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है और कोई इसे छीन नहीं सकता है। 

महिलाओं का हौसला बढ़ाने के लिए काफी संख्या में पहुंच रहे लोग 

धरने में शामिल महिलाओं ने कहा कि देश का सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी और महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर लगाम लगाना है, लेकिन केंद्र सरकार असल मुद्दों से जनता का ध्यान हटाकर एक बार फिर से एनआरसी की लाइन में खड़ा कर अपनी राजनीति चमका रही है। हमारी देश की जनता से अपील है कि इस काले कानून का खुलकर विरोध करें और अपने कोई भी कागज न दें। शबीह फातिमा ने कहा कि केंद्र सरकार जबतक सीएए व एनआरसी को वापस नहीं लेगी, प्रदर्शन लगातार जारी रहेगी। धरने में सदफ जाफर, सुमय्या राना, नसरीन, रुखसाना, हिना खान, गजाला व नाहिद अकील सहित दर्जनों महिलाएं शामिल रहीं। इस बीच हुसैनाबाद में तैनात भारी पुलिस बल धरने में शामिल होने जा रहे पुरुषों को रोक खदेड़ रहा है। 

प्रदर्शन बंद करने के लिए पुलिस अपना रही हथकंडे 

प्रदर्शनकारी महिलाओं को हटाने में नाकामयाब रहीं पुलिस ने हुसैनाबाद हेरिटेज जोन में बने महिला शौचालय में ताला डाल दिया। महिलाओं ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन को कमजोर करने के लिए पुलिस तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। बीती रात पहले घंटाघर पार्क की लाइट बंद कर दी गई, इसके बाद महिला शौचालय में डाला डाल लिया। शौचालय बंद होने से सर्दी में महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही पुरुषों की गाड़ियों का चालान भी काटा जा रहा है।  

मदद के लिए आए लोग 

धरने पर डटी इन महिलाओं को धीरे धीरे स्थानीय लोगों की मद्द मिलनी शुरू हो गई है। कोहरे में महिलाओं को बच्चों संग धरने पर बैठा देख लोग उनके लिए गर्म बिस्तर के साथ चाय-नाश्ते का बंदोबस्त कर रहे हैं। सुबह महिलाओं के लिए कोयले की अंगेठी का इंतेजाम भी किया गया। महिलाओं की तबियत खराब न हो इसके लिए दिन में कई बार चाय की व्यवस्था की जा रही है।


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