UP News: अभियोजन विभाग बना प्रदेश का पहला डिजिटल विभाग, ईप्रोसीक्यूशन पोर्टल पर देश में यूपी का पहला स्थान
Digitalization In UP यूपी में अभियोजन विभाग ने तकनीक से हाथ मिलाकर कागज का साथ छोड़ दिया है। पूरी तरह से डिजिटज होकर ऐसा करने वाला प्रदेश का पहला विभाग बन गया है। ईप्रोसीक्यूशन पोर्टल पर यूपी को देश में पहला स्थान मिला है।
लखनऊ, [आलोक मिश्र] । Digitalization In UP मोटी-मोटी फाइलों के ढेर के पीछे अब अभियोजन विभाग का कोई अधिकारी या बाबू नजर नहीं आएगा। तकनीक के साथ हाथ मिलाकर अभियोजन विभाग ने कागज से पूरी तरह किनारा कर लिया है।
डिजिटल हुआ अभियोजन विभाग
- अभियोजन विभाग प्रदेश का पहला डिजिटल विभाग बना है, जहां अब फाइलों पर पेन नहीं चलाना पड़ता। सभी विभागी कार्यों से लेकर कर्मचारियों के अवकाश की स्वीकृति तक सबकुछ डिजिटल स्क्रीन पर है।
- ईप्रोसीक्यूशन पोर्टल पर यूपी देश में अव्वल स्थान पर है और इसी का परिणाम है कि अभियोजन विभाग के अधिकारी अब फील्ड में ड्यूटी के दौरान कोई भी डाटा इंट्री मोबाइल एप से कर रहे हैं।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग दो वर्ष पूर्व अभियोजन अधिकारियों को लैपटाप व अन्य तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराई थीं, जिसका परिणाम अब सामने है।
- डिजिटल इंडिया मिशन के तहत आपराधिक न्याय प्रणाली में पीड़ित पक्ष के साक्ष्यों को विधिक रूप से मजबूती तथा न्याय में शीघ्रता के लिए अभियोजन विभाग में ईप्रासीक्यूशन पोर्टल उपलब्ध कराया गया है।
- प्रदेश के अभियोजन विभाग ने न्यायालयों में अभियोजन संबंधी सभी कार्यों को डिजिटल करने में कामयाबी हासिल की है।
ईप्रासीक्यूशन पोर्टल पर आनलाइन होंगे कामकाज
एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय के अनुसार अब जमानत निरस्तीकरण, गवाहों व साक्षियों का परिक्षण, अंतिम बहस, चार्ज फ्रेम, विधिक अभिमत समेत अन्य कार्यों को एक क्लिक पर न सिर्फ देखा जा सकता है, बल्कि उसकी आनलाइन समीक्षा भी संभव है। ईप्रासीक्यूशन पोर्टल पर लगभग 92 लाख प्रविष्टियों के साथ उत्तर प्रदेश अभियोजन विभाग देश में प्रथम स्थान पर है।
इसका ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश अपराधियों को सज़ा दिलाने में देश में सबसे आगे है। अब कार्यालय के सभी कार्य ई-आफिस प्लेटफार्म पर किए जा रहे हैं। सभी फाइलों का डिजटलीकरण किया जा चुका है और अब उनका निस्तारण आनलाइन होता है। फाइलों पर डिजिटल हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। इससे काम में पारदर्शिता के साथ तेजी आई है। किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी के पास कोई फाइल कितने घंटे अथवा दिन रही, इसकी आनलाइन मानीटरिंग संभव है।
सभी अधिकारियों व कर्मियों की सभी सेवा पुस्तिकाएं मानव संपदा पोर्टल पर फीड कर दी गई हैं। अब अवकाश संबंधी प्रार्थनापत्रों का निस्तारण भी मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से होता है। इससे अवकाश स्वीकृत या निरस्त किए जाने का आदेश कर्मचारी को तत्काल मिल जाता है। इसके अलावा ईप्रोसीक्यूशन मोबाइल एप की भी सुविधा दी गई है, जिससे अभियोजन अधिकारी कहीं भी बैठकर सूचनाएं दर्ज कर सकते हैं।