प्रो. एके सिंह बने लोहिया संस्थान के कार्यवाहक निदेशक, हटाई गईं प्रो नुजहत हुसैन
लखनऊ के डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का कार्यवाहक निदेशक प्रो. एके सिंह को बनाया गया है। वह अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति भी हैं। उन्हें यह अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर यह जानकारी दी गई।
लखनऊ, जेएनएन। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का कार्यवाहक निदेशक प्रो. एके सिंह को बनाया गया है। वह अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति भी हैं। उन्हें यह अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर यह जानकारी दी गई। वहीं बीते 25 जून को संस्थान की कार्यवाहक निदेशक बनाई गईं प्रो. नुजहत हुसैन को पद से हटा दिया गया है। बीते दिनों संस्थान मे दवाओं व मरीजों को लेकर मिली लापरवाही पर शासन ने सख्त रुख अपनाया था। डीएम लखनऊ अभिषेक प्रकाश ने मौके पर जाकर जांच भी की थी। इसके बाद से इनके इस्तीफे को लेकर चर्चा चल रही थी।
उधर बीते करीब चार महीने से संस्थान में पूर्णकालिक निदेशक नहीं है। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के पूर्णकालिक निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी को कोविड मरीजों व नान कोविड मरीजों के मैनेजमेंट में लापरवाही बरतने के आरोप में शासन ने कार्यविरत कर दिया था। अभी मामले की जांच चल रही है।
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं। डॉक्टर बाहर से दवा लिखने में जुटे हैं। वहीं ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक मरीज दर-दर भटकने को मजूबर हैं। ऐसे में दैनिक जागरण ने मरीजों के दर्द को प्रमुखता से उठाया। लिहाजा, एक्शन में आए शासन ने जिला प्रशासन को गुप्त जांच के आदेश दिए। रिपोर्ट में जागरण की खबर पर मुहर लगते ही निदेशक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। वहीं अटल यूनीवर्सिटी के कुलपति को डबल जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
लोहिया आयुर्विज्ञान में स्थाई निदेशक के तौर पर प्रो. एके त्रिपाठी का चयन हुआ था। मुख्यमंत्री के निरीक्ष्रण में अस्पताल में खामियां मिलीं। लिहाजा, 25 जून को उन्हें हटा दिया गया। इस दौरान कार्यवाहक निदेशक के तौर पर प्रो. नुजहत हुसैन को तीन माह के लिए कार्यवाहक निदेशक का चार्ज सौंपा गया। इस दौरान कैंपस में उनके इस्तेफा की भी चर्चा गर्म रही। मगर, आधिकारिक किसी ने पुष्टि नहीं की। उधर, अस्पताल की सेवाएं दिनबदिन बदतर होती चली गईं। सरकार द्वारा करोड़ों का बजट मुहैया कराने के बावजूद मरीज दवा के लिए भटकते रहे। वहीं इमरजेंसी में गंभीर मरीजों को भर्ती के लिए दौड़ाया जा रहा है। उधर, सीएम के निर्देश के बावजूद भी कोविड अस्पताल में बेडों को बढ़ाने का काम अधूरा पड़ा है। लिहाजा दैनिक जागरण ने मरीजों की समस्या को उठाया। मगर, कार्रवाई का भय न होने से अफसर-डॉक्टर बेपरवाह रहे। यहां तक कि शनिवार को मुख्यमंत्री के निरीक्षण की सूचना होने पर भी डॉक्टर बाहर से दवा लिखते रहे। लिहाजा, रविवार के अंक में फार्मा कंपनियों का जाल, कैंपस में मेडिकल स्टोरों के दलाल व डॉक्टरों के कॉकस और मरीजों के शोषण को उजागर किया गया। शासन ने खबर का संंज्ञान लेते सोमवार को डीएम को गुप्त निरीक्षण का निर्देश दिया। इस दौरान एसडीएम ने गेट पर खड़े होकर मरीजों के पर्चे देखे। इसमें डॉक्टरों द्वारा बाहर से लिखी जा रही दवाओं का भंडाफोड़ हुआ। वहीं शासन ने रिपोर्ट मिलते ही 48 घंटे के भीतर कार्यवाहक निदेशक प्रो. नुजहत हुसैन को हटा दिया। अब अटल यूनीवर्सिटी के कुलपति प्रो. एके सिंह को लोहिया संस्थान के निदेशक की भी जिम्मेंदारी सौंपी गई है। स्थाई निदेशक के न आने तक वह दोनों जिम्मेदारी संभालेंगे। उधर, निदेशक पद से हटाईं गईं प्रो. नुजहत हुसैन से बात करने की कोशिश की गई तो फोन नहीं उठा। साथ ही मैसेज का भी जवाब नहीं दिया।
मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज
प्रो. एके सिंह ने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं को सुधारा किया जाएगा। गंभीर मरीजों को तत्काल इलाज मिलेगा। वहीं ओपीडी व भर्ती सभी मरीजों को अंदर से ही दवाएं मिलें। इसके लिए दवा उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। शासन के मंशानुरूप कोविड अस्पताल के विस्तार का भी काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा। एमबीबीएस के नए छात्रों के लिए हॉस्टल, गुणवत्ता परक शिक्षा व शोध काे संस्थान में बढ़ावा दिया जाएगा।