प्रियंका वाड्रा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख जताई चिंता, कहा- संसाधन न बढ़ाए तो पीढ़ियां नहीं करेंगी माफ
सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम भेजे पत्र में प्रियंका वाड्रा ने कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर अपने भयानक रूप में है। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में तबाही चरम पर है। शहरों की सीमाओं को लांघकर अब यह महामारी गांवों में अपना पैर पसार रही है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। सरकार के कोविड प्रबंधन में तमाम खामियों के आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्करों के लिए आर्थिक पैकेज की मांग सहित कई सुझावों के साथ निशाना साधा है कि सरकार ने इस लड़ाई में अपने सारे संसाधन नहीं लगाए तो भावी पीढ़ियां आपको माफ नहीं करेंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम मंगलवार को भेजे पत्र में प्रियंका वाड्रा ने कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर अपने भयानक रूप में है। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में तबाही चरम पर है। शहरों की सीमाओं को लांघकर अब यह महामारी गांवों में अपना पैर पसार रही है। सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि जिस रफ्तार से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उसके मुकाबले प्रदेश में कोरोना जांच की दर न के बराबर है।
प्रियंका वाड्रा ने आरोप लगाया कि ग्रामीण इलाकों में तो जांच तक नहीं हो रही है। शहरी इलाकों में भी काफी मुश्किलें हैं। कई दिन तक रिपोर्ट नहीं आती। प्रदेश प्रभारी ने कहा कि पूरी दुनिया में कोरोना की ये जंग चार स्तंभों पर टिकी है- जांच, उपचार, ट्रैक और टीकाकरण। यदि आप पहले खंभे को ही गिरा देंगे तो फिर हम इस जानलेवा वायरस को कैसे हराएंगे?
पूरी दुनिया में कोरोना से जंग चार स्तंभों पर टिकी है: जांच, उपचार, ट्रैकिंग व टीकाकरण
यूपी में जांचें बहुत कम हैं। ग्रामीण इलाकों में न के बराबर हैं। टीकाकरण की गति धीमी है।
मैंने मुख्यमंत्री जी को पत्र के माध्यम से कुछ सकारात्मक सुझाव दिए हैं। आशा है वे इन पर अमल करेंगे। pic.twitter.com/au5neW0MKD— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 27, 2021
दूसरी सबसे बड़ी चिंता अस्पतालों में बेड, आक्सीजन, दवाइयों की घोर किल्लत और इनकी बड़े पैमाने पर कालाबाजारी को लेकर है। आयुष्मान कार्ड योजना फेल हो चुकी है। उसे कोई अस्पताल नहीं मान रहा। लोगों को आक्सीजन, रेमडेसिविर और अन्य जीवनरक्षक दवाओं के तीन-चार गुनी कीमत चुकाने पर मजबूर किया जा रहा है। वहीं, तीसरी चिंता श्मशान घाटों पर निर्ममता से हो रही लूट-खसोट और कुल मौतों के आंकड़ों को कम बताने को लेकर है। लोगों को शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी नहीं मिल रही। अंतिम संस्कार के लिए 12-12 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि कूपन नहीं है।
प्रियंका वाड्रा ने टीकाकरण की गति को धीमी बताते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा है कि मानवता की इस लड़ाई में लोगों को कोरोना से लड़ने के लिए अकेला मत छोड़िए। आप उनके प्रति जवाबदेह हैं। इस महाविपदा को रोकिए। हम अपने स्तर पर हर जिले में जनता की यथासंभव मदद कर रहे हैं। प्रियंका ने सेवानिवृत्त चिकित्सक व मेडिकल स्टाफ की आपात सेवाएं लेने, 80 फीसद आरटीपीसीआर जांच कराने, महत्वपूर्ण जीवनरक्षक दवाओं के दाम तय करने, आक्सीजन भंडारण की नीति बनाने सहित कई सुझाव भी दिए हैं।