सोनभद्र और उन्नाव मुद्दे की तलवार लेकर मैदान में उतरेंगी कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा
सोनभद्र के बाद उन्नाव के माखी कांड पर अप्रत्याशित ढंग से फ्रंटफुट पर आई कांग्रेस यहीं से आगे का सफर शुरू करने के इरादे से है।
लखनऊ, जेएनएन। लंबे समय से निढाल महसूस कर रही कांग्रेस अब उप्र में दौड़ने के लिए घुटने पर बैठी नजर आ रही है। सोनभद्र के बाद उन्नाव के माखी कांड पर अप्रत्याशित ढंग से 'फ्रंटफुट' पर आई कांग्रेस यहीं से आगे का सफर शुरू करने के इरादे से है। लिहाजा, पार्टी महासचिव एवं पूर्वी उप्र प्रभारी प्रियंका वाड्रा इसी महीने से प्रदेश भर में मंडलवार बैठकें शुरू करने जा रही हैं।
पूरी ताकत का दंभ तो कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में भी भरा था, लेकिन जमीनी स्तर पर संगठन कहीं भी लड़ता-जूझता नजर नहीं आया। चुनाव परिणाम बेहद निराशाजनक रहे, लेकिन अब जिस तरह से पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा सक्रिय हुई हैं, उससे लग रहा है कि सूबे में कांग्रेस के कायाकल्प की कमान उन्होंने खुद अपने हाथों में संभाल ली है। पिछले दिनों सोनभद्र में हुए नरसंहार को लेकर प्रियंका ने पूरी ताकत झोंकी। अन्य विपक्षी दलों की तुलना में कांग्रेस इस मामले में कहीं आगे खड़ी दिखाई दी।
प्रदेश सरकार उस मामले के डैमेज कंट्रोल में लगी ही थी कि माखी दुष्कर्म कांड ने सनसनी फैला दी। यहां भी प्रियंका ने फुर्ती दिखाई और कांग्रेस को सड़कों पर उतार दिया। भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर प्रदर्शन के साथ ही पीड़ित परिवार से कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल लगातार संपर्क में है। खुद प्रियंका किसी भी दिन यहां आ सकती हैं।
इन दो मामलों ने घर में बैठे कांग्रेसियों को मैदान तक पहुंचाया है। ऐसे में पार्टी इसे माकूल वक्त मानते हुए अगली रणनीति की ओर कदम बढ़ाना चाहती है। सरकार पर गरजने-बरसने के लिए कांग्रेस को इन दो मामलों के रूप में हथियार भी मिल चुके हैं। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सचिन नायक का कहना है कि प्रियंका वाड्रा इसी महीने से मंडलवार बैठकें शुरू करेंगी। शुरुआत किसी भी जोन से हो सकती है। उनका कहना था कि विधानसभा चुनाव ही नहीं, कांग्रेस स्थानीय निकाय चुनाव भी पूरी ताकत से लड़ेगी।
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