जहरीली शराब से मौतों पर प्रियंका का भाजपा पर हमला, कहा-मौतों के लिए सरकार जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से सैकड़ों लोगों की मौत पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दुख जताया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। 'मिशन यूपी' की सोमवार से शुरुआत करने से एक दिन पहले ही कांग्रेस महासचिव व पूर्वांचल प्रभारी प्रियंका गांधी ने भाजपा पर हमला शुरू कर दिया। रविवार को बयान जारी कर प्रियंका ने उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। मौतों पर दुख जताते हुए मृतकों के परिवारीजन को उचित मुआवजा व सरकारी नौकरी दिये जाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि यह घटना दिल दहला देने वाली है। मुझे उम्मीद है कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह पहला मौका है जब प्रियंका ने प्रदेश से जुड़े किसी मसले पर प्रतिक्रिया दी है। उल्लेखनीय है कि नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी 11 फरवरी से मिशन यूपी की शुरुआत करेंगी। चार दिवसीय दौरे के दौरान वह संसदीय क्षेत्रवार प्रमुख नेताओं से चर्चा कर चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देंगी। उनके साथ पश्चिमी उप्र के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया भी रहेंगे।
जहरीली शराब कांड की सीबीआइ से जांच हो, मंत्री दें इस्तीफा : मायावती
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने जहरीली शराब कांड की सीबीआइ जांच कराने की मांग करते हुए दोनों प्रदेशों (उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड) के आबकारी मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग की है। रविवार को जारी बयान में मायावती ने आरोप लगाया कि अवैध तरीके से तैयार होने वाली जहरीली शराब की गैरकानूनी समानांतर व्यवस्था राज्यव्यापी समस्या है।
इसके ज्यादातर शिकार गरीब, मजदूर और दैनिक कमाई वाले मेहनतकश लोग ही होते हैं। सरकारी लापरवाही के चलते ही भाजपा शासित उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से सौ से अधिक लोगों की मौत शर्मनाक है।
उन्होंने घटना की सीबीआइ जांच कराने और दोनों आबकारी मंत्रियों को तुरंत कार्यमुक्त करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र व राज्यों की भाजपा सरकारों के मुखियाओं को संकीर्ण व चुनावी राजनीति से फुर्सत ही नहीं, इसलिए अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी पर समुचित ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। इस प्रकार की गंभीर व शर्मनाक घटनाओं के बाद सरकार सो जाती है।
जनता की निगाह में जो असल अपराधी हैं, वे साफ बच जाते हैं। असली जिम्मेदार सफेदपोश लोगों को बेनकाब कर उन्हें कानून के कठघरे में खड़ा करना जरूरी है। निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी है कि आबकारी मंत्रियों को तत्काल हटा कर इस विभाग को मुख्यमंत्री अपने पास ले लें।