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निजी अस्‍पताल और नर्सिंगहोम डेंगू के नाम पर कर रहे लूट, ऐसे करते हैं मरीजों से खेल Lucknow News

लखनऊ के प्राइवेट नर्सिंगहोम और पैथोलॉजी में डेंगू के इलाज के नाम पर हो रहा है खेल। 10 प्राइवेट लैब में ही मान्य डेंगू जांच की सुविधा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 01:14 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 08:46 AM (IST)
निजी अस्‍पताल और नर्सिंगहोम डेंगू के नाम पर कर रहे लूट, ऐसे करते हैं मरीजों से खेल Lucknow News
निजी अस्‍पताल और नर्सिंगहोम डेंगू के नाम पर कर रहे लूट, ऐसे करते हैं मरीजों से खेल Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। शहर में डेंगू के इलाज के नाम लूट मची है। पैथोलॉजी और निजी अस्पतालों की गठजोड़ में मरीज पिस रहे हैं। सामान्य बुखार में भी प्लेटलेट कम होने पर डेंगू का खौफ पैदा किया जा रहा है। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

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राजधानी में 1400 के करीब निजी अस्पताल हैं। इनमें से सिर्फ 918 ही पंजीकृत हैं। वहीं, 1100 के करीब पैथोलॉजी सेंटर हैं। इनमें आठ सौ के करीब ही रजिस्टर्ड हैं। वहीं, डेंगू की मान्य जांच एलाइजा टेस्ट की सुविधा बमुश्किल 10 प्राइवेट लैब में ही है। बावजूद, धड़ल्ले से डेंगू की जांच का खेल चल रहा है। सामान्य बुखार में पैथोलॉजी रिपोर्ट में ‘प्लेटलेट रिड्यूज’ का जिक्र कर दिया जाता है। वहीं, अस्पताल पैथोलॉजी रिपोर्ट के आधार पर मरीजों में डेंगू का खौफ पैदा कर धन वसूली कर रहे हैं। 

सात दिन में डेंगू के नाम पर ढाई लाख वसूले : महानगर निवासी सुरेंद्र (65) को बुखार था। उन्हें इंदिरा नगर स्थिति एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी लैब रिपोर्ट में प्लेटलेट काउंट 90 हजार आया। डॉक्टर डेंगू के नाम पर सात दिन में ढाई लाख रुपये उनसे वसूल लिए। अभी तक मरीज का एलाइजा टेस्ट कर बीमारी कन्फर्म नहीं की गई है। 

10 दिन किया भर्ती, वसूले चार लाख : पुरनिया निवासी शिवम दीक्षित को बुखार आ गया। उन्हें गोमती नगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां कार्ड टेस्ट में डेंगू बता दिया। पैथोलॉजी रिपोर्ट में प्लेटलेट 85 हजार आई। 10 दिन में उनसे चार लाख रुपये ले लिए गए। अभी एलाइजा टेस्ट नहीं कराया गया है।

सिर्फ 38 लैब-अस्पताल भेज रहे रिपोर्ट : डेंगू केस की रिपोर्ट करना अनिवार्य है। बावजूद, रजिस्टर्ड हॉस्पिटल व लैब भी मरीजों के आंकड़े छिपा रहे हैं। सिर्फ 38 अस्पतालों और लैब ने ही सीएमओ कार्यालय में मरीजों की जानकारी दी है। यह भी कभी-कभार ही रिपोर्ट करते हैं। वर्ष 2016 में कार्ड टेस्ट के भी भर्ती संदिग्ध डेंगू केस तक की रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए थे। बलरामपुर अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. विष्णु देव के मुताबिक वायरल फीवर का दौर चल रहा है। ऐसे में सामान्य बुखार में भी प्लेटलेट काउंट कम होना स्वाभाविक है। यही नहीं, किसी अन्य संक्रमण से भी प्लेटलेट कम हो जाता है। ऐसे में घबराएं नहीं, बुखार में चार दिन तक पैरासिटामॉल लें। सामान्यत: पांचवें दिन बुखार कम होने लगता है। लोहिया अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. संदीप चौधरी के मुताबिक डेंगू में जब हाथ-पैर ठंडे होने लगें, मानसिक स्थिति में बदलाव आए, सांस फूलने लगे, पेट फूलने लगे, फेफड़े में पानी आ जाए, नाक, कान, मुंह, दांत, मल, पेशाब से ब्लड आए या स्किन पर लाल चकत्ते पड़ जाएं तो सजग हो जाएं। यह डेंगू शॉक, डेंगू हेमरेजिक व डेंगू ऑर्गन फेल्योर के लक्षण हैं।

सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि सिर्फ कार्ड टेस्ट से डेंगू पॉजिटिव लिखना बैन है। रिपोर्ट में प्लेटलेट रिड्यूज का जिक्र करना भी गलत है। उन्हें रिपोर्ट में प्लेटलेट काउंट साफ तौर पर लिखना चाहिए। डेंगू का खौफ बनाकर मरीजों का इलाज कर रहे अस्पतालों और पैथोलॉजी पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए निरीक्षण शुरू किया जाएगा।

इन सरकारी अस्पतालों में है मुफ्त इलाज की सुविधा

अस्पतालों में डेंगू वार्ड आरक्षित कर दिए गए हैं। इनमें मच्छरदानी व अन्य व्यवस्था के लिए हर अस्पताल को 10 हजार रुपये दिए गए हैं। केजीएमयू में 20 बेड, लोहिया अस्पताल में 12 बेड, सिविल अस्पताल में नौ बेड और बलरामपुर में 10 बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। इसके अलावा बीआरडी, लोकबंधु, आरएलबी व सीएचसी पर भी बेड आरक्षित करने के निर्देश हैं।

90 फीसद मामलों में सामान्य वायरल फीवर 

डॉ. संदीप चौधरी के मुताबिक 90 फीसद मरीजों में डेंगू सामान्य वायरल फीवर की तरह होता है। इसमें मरीज को शरीर में न्यूट्रीशन व हाईड्रेशन मेंटेन रखना होता है। सामान्य दवाओं से ठीक हो जाता है। 10 फीसद मरीजों में डेंगू शॉक, डेंगू हेमरेजिक व डेंगू ऑर्गन फेल्योर की स्थिति में पहुंचता है।

डेंगू से बचाव के उपाय

  • घरों की छातों पर टायर व पुराने बर्तनों में जलभराव न होने दें
  • कूलर का पानी बदलते रहें
  • घर के बगल में गड्ढों व खाली प्लाटों में जलभराव न होने दें
  • जलभराव होने पर पानी पर जला मोबिल, मिट्टी का तेल डाल दें
  • मच्छर दानी का प्रयोग करें
  • पूरी बांह के कपड़े पहनें, खिड़कियों, रोशनदान पर महीन जाली लगवाएं
  • बुखार आने पर डॉक्टर को दिखाएं 
  • परामर्श के अनुसार रक्त संबंधी जाचं कराएं।

यहां करें संपर्क

  • बीमारी की सूचना, शिकायत के लिए 
  • सीएमओ कंट्रोल रूम : नंबर -0522-2622080
  • स्वास्थ्य विभाग : 18001805145

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