होमगार्ड विभाग रोकेगा निजी सुरक्षा एजेंसियों की मनमानी
होमगार्ड विभाग से गार्डों और सुपरवाइजरों को ट्रेनिंग दिलानी होगी। ट्रेनिंग में दक्ष होने और होमगार्ड विभाग की अनुमति के बाद ही तैनाती हो सकेगी।
लखनऊ, (सौरभ शुक्ला)। निजी सुरक्षा कर्मियों उपलब्ध कराने वाली सुरक्षा एजेंसियां मनमाने तरीके से गार्डों की तैनाती नहीं कर सकेंगी। अब इन्हें होमगार्ड विभाग से गार्डों और सुपरवाइजरों को ट्रेनिंग दिलानी होगी। ट्रेनिंग में दक्ष होने और होमगार्ड विभाग की अनुमति के बाद ही तैनाती हो सकेगी। दिल्ली की तर्ज पर होमगार्ड विभाग के प्रस्ताव को डीजीपी ओपी सिंह ने संस्तुति भी दे दी है। ट्रेनिंग होमगार्ड मुख्यालय स्थित केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान समेत 12 मंडलीय प्रशिक्षण केंद्रों पर दी जाएगी। प्रदेश में 1266 सुरक्षा एजेंसी रजिस्टर्ड हैं।
इन प्रशिक्षण केंद्रों पर होगी ट्रेनिंग : लखनऊ, इलाहाबाद, बनारस, फैजाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, आगरा और आजमगढ़।
यह होगा प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम : फिजिकल फिटनेस ट्रेनिंग, एजेंसी लॉ की जानकारी। इमारत, शापिंग मॉल, फायर फाइटिंग सुरक्षा,आपदा के समय राहत एवं बचाव, आइपीसी, सीआरपीसी और आम्र्स एक्ट की जानकारी। भीड़ नियंत्रण का प्रशिक्षण, पहचानपत्र सत्यापन का प्रशिक्षण, विस्फोटक सामग्र्री पहचान के लिए प्रशिक्षण, प्राथमिक उपचार।
बीस व सात दिवसीय होगी ट्रेनिंग
प्रशिक्षण कार्यक्रम बीस व सात दिन का बनाया गया है। सामान्य सुरक्षा गार्ड और सुपरवाइजर को 20 दिन, जबकि सेवानिवृत्त पुलिस और सैन्यकर्मियों को एक हफ्ते प्रशिक्षण दिया जाएगा। सिक्योरिटी कंपनी होमगार्ड विभाग को प्रति कंडीडेट के हिसाब से प्रशिक्षण शुल्क भी अदा करना होगा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
विभाग के पास जवानों को प्रशिक्षण देने के लिए अत्याधुनिक संसाधन और अच्छे ट्रेनर भी हैं। विभाग के प्रस्ताव को डीजीपी ने मंजूरी भी दे दी है। शासनादेश आते ही इसे लागू किया जाएगा।
शरत चंद्र त्रिपाठी आइजी होमगार्ड
प्रदेश में सुरक्षा कंपनियां अबतक प्राइवेट एजेंसियों से जवानों की ट्रेनिंग कराती थी। वहीं, दिल्ली में होमगार्ड विभाग द्वारा प्रशिक्षण देने का नियम है। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही उसे लागू किया जाएगा।
प्रवीण कुमार, डीआइजी कानून व्यवस्था