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उत्तर प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों को संवारने की तैयारी, बेसिक शिक्षा अधिकारियों को प्रस्ताव भेजने के निर्देश

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) से उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों को संवारने की तैयारी है। स्कूल परिसर में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी बीएसए को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं।

By Vikas MishraEdited By: Published: Sun, 07 Aug 2022 09:08 PM (IST)Updated: Sun, 07 Aug 2022 09:08 PM (IST)
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को प्रस्ताव भेजने का दिया आदेश

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) से भी होगा। इस योजना में सिर्फ चयनित विद्यालयों का पुनर्निर्माण कराया जा सकेगा साथ ही वहां स्मार्ट क्लास संचालित हो सकेंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारियों से इस संबंध में 12 अगस्त तक प्रस्ताव मांगा गया है। अल्पसंख्यक बाहुल्य पिछले क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल व कौशल विकास से संबंधित कार्यों को कराने के लिए जिलों के चिन्हित विकास क्षेत्रों, नगरीय क्षेत्र व जिला मुख्यालयों में पीएमजेवीके योजना संचालित है। जहां भी अल्पसंख्यक आबादी कुल आबादी का 25 प्रतिशत से अधिक है वहां इस योजना के तहत कार्य कराया जाएगा।

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निर्देश है कि ऐसे क्षेत्रों में स्थित बेसिक शिक्षा के अधीन संचालित जर्जर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के पुनर्निर्माण, प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना के लिए प्रस्ताव राज्य परियोजना कार्यालय को भेजा जाए। ज्ञात हो कि विद्यालयों का कायाकल्प अभी तक शिक्षा के अलावा ग्राम पंचायतों को मिलने वाले धन से कराया जा रहा है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उन विद्यालयों के दोबारा निर्माण का प्रस्ताव भेजा जाए, जहां कार्य बेहद आवश्यक हैं। साथ ही ये भी देखा जाए कि पूर्व में उक्त विद्यालय किसी योजना में प्रस्तावित या स्वीकृत न हों।

साथ ही जहां विद्यालय निर्माण के लिए निर्विवाद निश्शुल्क भूमि उपलब्ध हो का प्रस्ताव भेज सकते हैं। साथ ही महानिदेशक ने जिलाधिकारियों व मुख्य विकास अधिकारियों से विद्यालय परिसर में जलभराव की समस्या दूर कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से ऐसे विद्यालयों की सूची तैयार की जाएगी जहां पर वर्षा के दौरान जलभराव हो जाता है। खंड शिक्षा अधिकारी वहां के बीडीओ से संपर्क करके समस्या की जानकारी देंगे। कार्य का तकनीकी अधिकारियों से मनरेगा के तहत प्रस्ताव बनाकर संबंधित ग्राम पंचायत के माध्यम से कार्य कराया जाए।


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